Niranjan Kumar IRS : पिता ने खैनी की दुकान खोलकर बेटे को पढ़ाया, ट्यूशन पढ़ाकर पहले IIT में पढ़ाई की फिर बना IRS अधिकारी

Niranjan Kumar IRS : पिता ने खैनी की दुकान खोलकर बेटे को पढ़ाया, ट्यूशन पढ़ाकर पहले IIT में पढ़ाई की फिर बना IRS अधिकारी

Niranjan Kumar IRS : यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करना किसी भी अभ्यर्थी के लिए एक सपने के सच होने जैसा है। देश की सबसे कठिन इस प्रतियोगी परीक्षा को पास कर देश के बड़े अधिकारी बनने का सपना पूरा होता है। लाखों युवा अपनी आंखों में ये सपना सजाकर यूपीएससी की परीक्षा में उपस्थित होते हैं। हालांकि ये बात अलग है कि इस परीक्षा में सफलता कुछ अभ्यर्थियों को ही हासिल हो पाती हैं। जो अभ्यर्थी कड़ी मेहनत और लगन से तैयारी करता है उसे इस परीक्षा में जरूर सफलता मिलती है.

यूपीएससी की सफल कहानियों में आज हम आईएएस अधिकारी निरंजन कुमार के बारें में बताएंगे. जिनके पिता एक छोटी सी खैनी की दुकान चलाते थे. उस दुकान से जितना पैसा आता था उसमें परिवार का भरण पोषण ही बहुत मुश्किल से हो पाता था. बाकि जो पैसा बचता था उससे निरंजन की पढ़ाई होती थी. आर्थिक हालातों के बीच पढ़ाई के संसाधनों की भी कमी का सामना करना पड़ता था. इन सारे मुश्किल हालातों के बीच उन्होंने ना सिर्फ यूपीएससी की तैयारी की बल्कि अच्छी रैंक भी हासिल की. आइए जानते हैं निरंजन कुमार के इस यूपीएससी के सफर के बारे में

कौन हैं (Niranjan Kumar) निरंजन कुमार

निरंजन कुमार बिहार राज्य के नवादा जिले के पकरीबरमा गांव के रहने वाले हैं। इनका परिवार बहुत ही साधारण है। पिता की गांव में ही एक छोटी सी खैनी दुकान थी, जिससे घर का खर्च चल पाना भी मुश्किल था। ऐसे में इनकी पढ़ाई का खर्चा परिवार के लिए बहुत ही भारी था। लेकिन निरंजन कुमार बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे. उनकी बचपन की शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई. इसके बाद उनका सिलेक्शन नवोदय विद्यालय में हो गया।

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नवोदय विद्यालय में ना सिर्फ उन्हें अपनी काबिलयित को निखारने का मौका मिला बल्कि फीस माफी के कारण उन्हें शुरुआती पढ़ाई में आर्थिक तंगी का सामना भी कम करना पड़ा. निरंजन ने दसवीं तक की पढ़ाई नवोदय विद्यालय से पूरी की। इसके बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए वो पटना चले गए। पटना में पढ़ाई करने के साथ-साथ वो बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाने लगे। ट्यूशन में मिलने वाले पैसे से इनकी पढ़ाई और खर्च निकल जाता था।

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इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई आईआईटी से करने का निश्चय किया. बचपन से ही पढ़ाई में अच्छा होने के कारण इनका सिलेक्शन आईआईटी में भी हो गया। आईआईटी में इनका सिलेक्शन होना, परिवार के लिए उम्मीद की एक किरण भी थी। इंजीनियरिंग के बाद इनकी कोल इंडिया में नौकरी लग गई। नौकरी लगते ही इनकी शादी भी हो गई। लेकिन निरंजन कुमार अभी उस मंजिल पर नहीं पहुंचे थे, जहां पहुंचने का इनका सपना था। दरअसल निरंजन कुमार का सपना आईएएस अधिकारी बनने का था. अपने सपने को पूरा करने के लिए निरंजन कुमार यूपीएससी की तैयारी में जुट गए।

अच्छी रैंक ना आने के कारण जारी रखी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी

मंजिल दूर थी और रास्ते संघर्ष से भरे हुए। लेकिन निरंजन तैयारी से पीछे हटने वालों में से नहीं थे. कड़ी मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे। साल 2016 की यूपीएससी की परीक्षा में इन्हें सफलता हासिल हुई। लेकिन अच्छी रैंक हासिल ना होने के कारण इन्हें आईआरएस की पोस्ट मिली। ये एक बार फिर परीक्षा की तैयारी में जुट गए। साल 2017 में 728 वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की। इसके बाद इन्हें दिल्ली में इनकम टैक्स रिवेन्यू ऑफिसर की पोस्ट मिली। अभी भी इन्हें अपने मन मुताबिक रैंक हासिल नहीं हुई थी। अतः नौकरी करते हुए ही एक बार यह फिर परीक्षा की तैयारी में जुट गए।

535वीं रैंक हासिल कर बनें आईपीएस अधिकारी

निरंजन कुमार को यूपीएससी 2020 की परीक्षा में ऑल इंडिया 535 रैंक हासिल हुई है। इन्होंने आईपीएस ऑफिसर बन कर अपने मां बाप और अपने जिले के साथ-साथ राज्य का नाम रोशन किया है। निरंजन कुमार के सफलता हासिल करने से इनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। इनके माता-पिता ने इनकी सफलता का श्रेय इनकी कड़ी मेहनत और सच्ची लगन को दिया।

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यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करके निरंजन कुमार ने लोगों के सामने एक मिसाल खड़ी कर दी है। इनकी सफलता इस बात का उदाहरण है कि किसी भी मंजिल तक पहुंचने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि आप कहां से उठ कर आ रहे हैं, आवश्यक है तो बस एक बात की आप उस मंजिल तक पहुंचने के लिए कितनी मेहनत के साथ परिश्रम कर रहे हैं। अगर आपके अंदर सच्ची लगन के साथ-साथ कठिन परिश्रम करने का जज्बा है तो सफलता की मंजिल तक पहुंचने से कोई भी आप को रोक नहीं सकता।

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