IAS Annies Kanmani Joy : मजदूर मां की इस बेटी के पास किताबें खरीदने के नहीं थे पैसे, अखबार पढ़कर निकाली IAS की परीक्षा
IAS Annies Kanmani Joy : संघर्ष करने वाला इंसान कभी हारता नहीं है. उसे उसके काम में एक ना एक दिन सफलता मिल ही जाती है. आज हम आपको एक ऐसी आईएएस ऑफिसर के जीवन में बताएंगे जिन्होंने गरीबी और मुश्किल हालातों का सामना करते हुए देश की सबसे कठिन यूपीएससी परीक्षा को पास किया. इस IAS ऑफिसर का नाम एनीस कनमनी जॉय (IAS Annies Kanmani Joy) है..
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एनीस (IAS Annies Kanmani Joy) ने यूपीएससी की परीक्षा बिना किसी भी स्टडी मेटेरियल की मदद से दी. यहां तक की उनके पास पढ़ने के लिए किताबें तक नहीं थीं. गरीबी ऐसी की दो वक्त की रोटी मिल जाती तो वही बहुत होता था. एनीस उन युवाओं के लिए एक उदाहरण हैं जो गरीबी और मुश्किल हालातों में संघर्ष करने से पीछे हट जाते हैं. आइए जानते हैं एनीस कनमनी जॉय के सफर के बारे में
कौन हैं (IAS Annies Kanmani Joy) एनीस कनमनी जॉय
एनीस (Annies Kanmani Joy) केरल के एर्नाकुलम जिले के पंपकुडा गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता एक गरीब किसान हैं और मां घर के सारे काम काज करती फिर पिता के साथ खेतों के काम में मदद करती थी. परिवार में किसानी ही आय का मूल साधन था. खेती ज्यादा ना होने की वजह से परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी. उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई गांव के ही एक छोटे से स्कूल से की थी. इसके बाद 10वीं की पढ़ाई के लिए वो एर्नाकुलम (Ernakulam) चली गई थीं. एनीस बचपन से ही डॉक्टर बनना चाह रहीं थी. इसके लिए उन्होंने 12वीं बॉयोलॉजी विषय से किया.
बचपन में MBBS डॉक्टर बनने का था सपना
एनीस बचपन से ही डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज करना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट (CPMT) की तैयारी करना शुरू कर दिया. एनीस को पता था कि इस परीक्षा के लिए उन्हें बहुत पढ़ाई करनी होगी. उन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए पूरा प्रयास किया. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. उन्हें इस परीक्षा में सफलता नहीं मिल पाई. जिसकी वजह से उनका MBBS डॉक्टर (IAS Annies Kanmani Joy education) बनने का सपना साकार नहीं हो पाया. इसे बाद उन्होंने त्रिवेंद्रम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से Bsc. नर्स की पढ़ाई शुरू कर दी. MBBS में सफलता ना मिलने के कारण उन्होंने पूरे मन से नर्सिंग की पढ़ाई जारी रखी.
ट्रेन में पहली बार UPSC की परीक्षा के बारे में मिली जानकारी
एनीस एक बार किसी जरूरी काम से ट्रेन में सफर कर रहीं थीं. इस दौरान उन्हें पहली बार IAS की परीक्षा के बारे में पता चला. एनीस जब नर्सिंग की तैयारी कर रहीं थी तब तक उन्हें यूपीएससी की परीक्षा के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थीं. ट्रेन के सफर के दौरान जब वो मैंगलोर से त्रिवेद्रम से वापस आ रहीं थी तब उनकी सीट के सामने कुछ महिलाएं आपस में बातें भी कर रहीं थीं.
इस दौरान एक महिला दूसरी महिला से अपनी बेटी के आईएएस बनने की तैयारी के बारे में बातचीत कर रही थीं. उनकी बेटी दिल्ली में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थी. एनीस ने जब उन महिलाओं की बातें सुनी तो इस परीक्षा को लेकर उनकी उत्सुक्ता जाग गई. एनीस (Annies Kanmani Joy upsc) ने उन महिलाओं से इस परीक्षा के बारे में सारी जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बना लिया
आसान नहीं था UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करना
एनीस ने यूपीएससी की परीक्षा के लिए अपना पूरा ध्यान लगा दिया. वो जानती थी कि ये परीक्षा बहुत कठिन हैं. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण कोचिंग उनके पास कोचिंग करने के पैसे नहीं हो पाए. इसलिए उन्होंने सेल्फ स्टडी करके इस परीक्षा को पास करने का फैसला किया. एनीस ने यूपीएससी की तैयारी के लिए न्यूज पेपर पढ़ना शुरू कर दिया. न्यूज पेपर वो पड़ोस की दुकान से लेकर आ जाती थी और उसे पढ़ा करती थीं. पैसों की तंगी के कारण उन्होंने किताब का सहारा नहीं लिया. वो बताती हैं कि पैसे ना होने के कारण वो किताबें तक नहीं ले पाईं. हालांकि न्यूजपेपर से वो कंरट अफेयर्स में अपडेट रहती थीं.
UPSC परीक्षा में 65वीं रैंक हासिल कर बनीं IAS अधिकारी
पहले 2 प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली. साल 2010 में उन्हें 580वीं रैंक हासिल की लेकिन उनका आईएएस (Annies Kanmani Joy ias rank) में सिलेक्शन नहीं हो पाया. लेकिन एनीस का आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थीं. उन्होंने फिर से इस परीक्षा के लिए प्रयास किया. साल 2011 में उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ.
इस साल उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 65वीं रैंक हासिल की. एनीस ने जब यूपीएससी (Annies Kanmani Joy) की परीक्षा पास की तब उन्होंने अपनी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी कर ली थी. इसी के साथ एनीस देश की पहली ऐसी आईएएस अधिकारी बन गईं. मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि साल 2011 में जब उनका आईएएस का रिजल्ट आया तब वो ट्रेन में सफर कर रहीं थीं. आईएएस बनने की खबर सुनकर उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े थे.