Sachin Gupta ias : पहली बार मिली असफलता तो टूट गया था सपना, परिवार ने बढ़ाया हौसला तो दो बार upsc परीक्षा पास कर बनें IAS अधिकारी

Sachin Gupta ias : पहली बार मिली असफलता तो टूट गया था सपना, परिवार ने बढ़ाया हौसला तो दो बार upsc परीक्षा पास कर बनें IAS अधिकारी

Sachin Gupta ias : कहते हैं परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। लेकिन सिर्फ परिश्रम करने से काम नहीं चलता। मेहनत के साथ-साथ सही रणनीति का होना भी जरूरी है। बिना रणनीति के सफलता मिलना मुश्किल है। UPSC की तैयारी को लेकर तो ये बात और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। लाखों अभ्यर्थी हर साल IAS बनने का सपना देखते हैं। आज हम आपको जिस अभ्यर्थी के बारे में बताने जा रहे हैं उन्होंने भी आईएएस बनने का सपना देखा था। इस पोस्ट में हम बात करने जा रहे हैं आईएएस टॉपर सचिन गुप्ता की।

सचिन को सफलता मिलने से पहले असफलता का सामना भी करना पड़ा। लेकिन वो ना तो घबराए और ना ही हिम्मत छोड़ी। उन्होंने कड़ी मेहनत की और कारगर रणनीति को अपनाया, जिसके बाद उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि दो बार सफलता हासिल की।

कौन हैं (Sachin Gupta ias) सचिन गुप्ता

सचिन गुप्ता मूल रूप से हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं। उन्होंने इंटरमीडिएट के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। सचिन का बचपन से ही आईएएस बनने का सपना था। ग्रेजुएशन के बाद अपने सपने को साकार करने के लिए उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी।

Sachin Gupta ias : पहली बार मिली असफलता तो टूट गया था सपना, परिवार ने बढ़ाया हौसला तो दो बार upsc परीक्षा पास कर बनें IAS अधिकारी 1

इसके लिए उन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत की और सही रणनीति के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। उन्होंने ठान लिया था कि किसी भी कीमत पर IAS अफसर बनना है। इस बीच उनके परिवार का सपोर्ट भी हमेशा उनके साथ रहा।

कई कोशिशों के बाद पूरा हुआ सपना

सचिन ने बताया है कि सबसे पहले उन्होंने UPSC के सिलेबस को अच्छी तरह से समझा और उसके हिसाब से अपने लिए स्टडी मटेरियल तैयार किया। तैयारी के दौरान उन्होंने तमाम टॉपर्स के इंटरव्यू देखें। अपनी क्षमताओं को भांपते हुए स्ट्रेटजी बनाई और उसी हिसाब से अपनी पढ़ाई का रोडमैप तैयार किया।

सचिन ने जब अपना पहला अटेम्प्ट दिया तो उन्हें असफलता हाथ लगी। इस असफलता से उन्होंने बहुत कुछ सीखा और अपनी कमियों को दूर करते हुए एक और प्रयास किया। दूसरे प्रयास में उन्हे सफलता तो मिली लेकिन उन्हें अपने सपने के अनुरूप IAS की सेवा नहीं मिली। दूसरे प्रयास में उनकी ऑल इंडिया रैंक 575 थी। ऐसे में उन्होंने एक और बार प्रयास करने की हिम्मत जुटाई और तीसरे अटेम्प्ट में सचिन ने ना सिर्फ सफलता हासिल की बल्कि इतिहास रच डाला।

असफलता से घबराएं नहीं

सचिन ने साल 2017 में ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल करके अपने सपने को साकार कर दिखाया। अब वह IAS की कुर्सी पर विराजमान है। सफलता को लेकर सचिन का मानना है कि परीक्षा की तैयारी करते वक्त सकारात्मक रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर बिना किसी भय या दबाव के सिविल सेवा की तैयारी की जाए तो सफलता मिलना लगभग तय है। मजबूत इरादे आपको हमेशा आगे बढ़ने में मदद करेंगे। तैयारी के वक्त हौसला कभी भी कमजोर नहीं पड़ना चाहिए।

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