Rishita gupta ias : पिता के निधन के बाद बेटी ने की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, पहले प्रयास में 18वीं रैंक पाकर बनीं आईएएस अधिकारी
कभी कभी हम जो जैसा सोचते हैं वैसा नहीं हो पाता है. कभी हम अपने करियर में प्लान बनाते हैं लेकिन विपरीत परीस्थितयों में फंसकर उनमें सफलता नहीं मिल पाती है. जिसके बाद हम प्रयास करना भी छोड़ देते हैं. आज हम जिस आईएएस अधिकारी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उनका जीवन भी अनिश्चतता से भरा था. इस आईएएस अधिकारी का नाम ऋषिता गुप्ता है.
जब वो यूपीएससी की तैयारी कर रहीं थी. तभी उनके पिता का कैंसर की बीमारी से निधन हो गया था. जीवन में अनिश्चतता और संघर्षों से घबराने के बजाय उन्होंने हिम्मत से काम लिया. मेहनत और लगन से उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गईं. आइए जानते हैं कि ऋषिता गुप्ता ने अपने जीवन के संघर्षों का सामना करते हुए यूपीएससी परीक्षा में सफलता कैसे हासिल की.
कौन हैं (Rishita gupta ias) आईएएस ऋषिता गुप्ता
दिल्ली की रहने वाली ऋषिता गुप्ता एक व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. व्यावसायिक परिवार से होने के बावजूद भी उनके परिवार में पढ़ाई का माहौल अच्छा रहा. ऋषिता भी पढ़ाई में काफी अच्छी थी. उनकी एक बहन भी है. ऋषिता की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से ही हुई. पढ़ाई में ठीक होने की वजह से उनका बचपन का सपना डॉक्टर बनने का था. लेकिन जब वो 12वीं क्लास में पढ़ाई कर रही थी तभी उनके साथ बहुत बड़ा हादसा हो गया जिसने उनका जीवन बदलकर रख दिया.
12वीं की पढ़ाई के दौरान उनके पिता का कैंसर की बीमारी की वजह से निधन हो गया. पिता के निधन का असर उनकी पढ़ाई पर भी पड़ा. नतीजतन इंटरमीड़िएट की परीक्षा में उन्हें पर्याप्त अंक हासिल नहीं हो पाए, जिससे वो अपनी मेडिकल फील्ड में दाखिला ले सकें. इसके बाद उनका डॉक्टर बनने का सपना पूरी तरह से अधूरा रह गया. इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद उन्होंने इंग्लिश लिटरेचर से बैचलर्स की डिग्री हासिल की. जब वो ग्रेजुएट की पढ़ाई कर रही थी तभी उन्होंने तय कर लिया था कि वो यूपीएससी की तैयारी करेंगी. इसके बाद ऋषिता ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
कड़ी मेहनत से की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान ऋषिता ने बहुत मेहनत की. वो बताती हैं कि इसके लिए उन्होंने सबसे पहले तो एनसीआरटी की किताबों से पढ़ाई शुरू की. इससे उनका बेसिक क्लियर हो गया. इंटरनेट के माध्यम का सही उपयोग कर उन्होंने एक-एक टॉपिक को क्लियर किया.
वहीं, खुद को रोजाना अपडेट रखने के लिए उन्होंने न्यूजपेपर और टीवी में समाचार देखा करती थी. इस दौरान उन्होंने अपने नोट्स तैयार करना और मॉक टेस्ट देना नहीं छोड़ा. ऋषिता ने अपने सोर्स को सीमित रखा और पूरी मेहनत से उनका रीविजन करती रहती थीं. मेन्स पेपर में लिखने की प्रैक्टिस वो एकसाथ ही करती रहीं.
18वीं रैंक हासिल कर बनीं आईएएस अधिकारी
आत्मविश्वास के साथ कड़ी मेहनत कर उन्होंने साल 2018 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. साल 2017 में ऋषिता ने यूपीएससी परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल कर टॉप किया. यूपीएससी की लिखित परीक्षा में उन्हें 879 अंक और इंटरव्यू में 180 अंक हासिल हुए.अच्छी रैंक मिलने की वजह से उन्हें आईएएस अधिकारी बनने का मौका मिला.
ऋषिता की सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो अलग बैकग्राउड, जीवन के संघर्षों और मुश्किल हालातों के साथ साथ पढ़ाई लिखाई में अच्छे ना होने के कारण प्रयास करना छोड़ देते हैं. दरअसल आपको सफलता उस दिन से ही मिलने लगती है जिस दिन से आप पूरी लगन और मेहनत के साथ किसी काम को करने लगते हैं.