Rahman coaching patna : मात्र 11 रुपए गुरू दक्षिणा देकर इस गुरुकुल से बनते हैं IAS और IPS अधिकारी, रहमान सर के इस कोचिंग संस्थान में दी जाती है वैदिक शिक्षा
आज के जमाने में जहां लोग पैसे कमाने की होड़ में अपने सगे संबंधियों को भी पीछे छोड़ देते हैं, ऐसे में यदि कोई ऐसा इंसान मिल जाए जो निस्वार्थ भाव से लोगों का भविष्य सुधारने में लगा हुआ है. आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जो मेधावी छात्रों के लिए एक वरदान के समान हैं. आज हम जिस शख्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उनका नाम रहमान है. रहमान आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मात्र 11 रुपए में पढ़ाते हैं. रहमान एक कोचिंग संस्थान चलाते हैं जिसका नाम है ‘अदम्य अदिति गुरुकुल’ है.
उन्होंने इस कोचिंग संस्थान का नाम अपनी बेटी के नाम पर रखा है. इस कोचिंग संस्थान में गरीब और प्रतिभावान छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर पढ़ाया जाता है। यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए कोई फीस निर्धारित नहीं की गई है, छात्र अपनी क्षमता अनुसार फीस अदा करते हैं। रहमान सर का कहना है कि आज तक कभी भी उनके किसी छात्र ने उनके साथ धोखेबाजी नहीं की है सब अपनी क्षमता अनुसार फीस अदा कर देते हैं।
फिलहाल रहमान सर के कोचिंग संस्थान में 1000 से भी अधिक छात्र अध्ययन कर रहे हैं। इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे आज बड़ी बड़ी पोस्ट पर बैठकर देश की सेवा कर रहे हैं। रहमान सर को यह शोहरत इतनी आसानी से हासिल नहीं हुई है इसके लिए उन्हें कठिन परिश्रम करना पड़ा है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई में किया टॉप
रहमान पढ़ाई में बचपन से ही बेहद होनहार थे इन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से MA. की परीक्षा में टॉप किया था। इनका सपना आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना था। इसके लिए उन्होंने कई सालों तक प्रयास भी किया परीक्षा की तैयारी के दौरान इन्होंने अध्यापन कार्य भी शुरू किया। और धीरे-धीरे अध्यापन कार्य को ही उन्होंने अपना करियर बना लिया। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत एक छोटे से कोचिंग संस्थान से कि जहां पर जमीन पर बैठकर बच्चों को पढ़ाया करते थे।
साल 1994 में वो सुर्खियों में तब आये बिहार में चयनित हुए 4000 सब इंस्पेक्टर में 1100 सब इंस्पेक्टर इनकी कोचिंग संस्थान से चयनित हुए। इनके जीवन में एक नया मोड़ तब आया जब एक ऐसा छात्र इनके पास शिक्षा लेने के लिए आया जिसके पास फीस के लिए पैसे नहीं थे। छात्र की प्रतिभा को देखकर रहमान उसको शिक्षा देने से मना नहीं कर पाए और मात्र ₹11 की दक्षिणा लेकर उसे शिक्षा प्रदान की। इस घटना के बाद से ही रहमान सर ने गरीब और प्रतिभावान बच्चों को क्षमता के मुताबिक फीस लेकर शिक्षा देनी शुरू की।
इनके कोचिंग संस्थान में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। एक बेहतरीन शिक्षक होने के साथ-साथ रहमान बेहद अच्छे इंसान हैं। मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाले रहमान ने हिंदू धर्म की लड़की से प्यार किया और शादी रचाई। अलग धर्म के वजह से इनको शादी के बाद भी कई दिक्कत का सामना करना पड़ा। इन्होंने और इनकी पत्नी ने मिलकर यह फैसला किया है कि यह अपने बच्चों को धर्म और जाति के बंधन में नहीं बंधने देंगे। यहां तक कि इन्होंने अपने बच्चों के नाम के आगे कोई टाइटल भी नहीं लगाया है।
रहमान को है वेदों का अच्छा ज्ञान
इस गुरुकुल के संचालक मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इसके बाबजूद भी उन्हें वेदों और पुराणों की अच्छी खासी समझ है. कमाल की बात ये है कि रहमान के इस गुरुकुल में वेदों के बारे में भी बताया जाता है. एक साक्षात्कार में रहमान बताते हैं कि उन्होंने बचपन में काफी गरीबी का सामना किया है. यही वजह है कि उन्हें गरीब वर्ग से आने वाले छात्रों की समस्याओं का पता है. इसलिए उन्होंने इस कोचिंग संस्थान को खोला था.