Nupur goel ias : यूपीएससी की परीक्षा में 5 बार हुई फेल, आखिरी प्रयास में 11वीं रैंक पाकर बनी आईएएस अधिकारी
Nupur goel ias : मान लो तो हार है और ठान लो तो जीत है। देश के प्रतिष्ठित एवं सबसे कठिन माने जाने वाली यूपीएससी सिविल सेवा 2019 परीक्षा में 11वीं रैंक हासिल कर इस वाक्य को चरितार्थ कर दिखाया है दिल्ली की नूपुर गोयल ने। लगातार पाँच बार असफल रहने के बाद भी नूपुर ने हिम्मत और हौसला बनाए रखते हुए यह शानदार सफलता अपने अंतिम प्रयास में हासिल कर ली । आइए जानते हैं नूपुर गोयल के इस संघर्षपूर्ण एवं प्रेरक सफर के बारे में :
कौन हैं (IAS Nupur goel) नूपुर गोयल
दिल्ली के नरेला में अपने माता पिता और छोटे भाई के साथ रहने वाली नुपूर गोयल ने प्रारंभिक एवं विद्यालयी शिक्षा नरेला से ही पूरी की है। उनके पिता एक व्यवसायी हैं एवं माता गृहणी हैं। दिल्ली प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय से बीटेक करने के बाद उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए की डिग्री भी प्राप्त की है. नुपूर का कहना है कि काॅलेज के आखिरी वर्ष में सीनियर्स और प्राध्यापकों ने उन्हें संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के बारे में बताया।
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नूपुर ने सिविल सेवक बनना ही अपना लक्ष्य बना लिया और अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्होंने मेहनत शुरू कर दी। लक्ष्य पर केंद्रित होकर नुपूर ने काॅलेज के आखिरी वर्ष में ही परीक्षा देने का निर्णय किया। वर्ष 2014 में अपने पहले प्रयास में ही उन्होंने साक्षात्कार तक का सफर किया लेकिन आखिरी राउंड में उनका चयन नहीं हो पाया।
दूसरे प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा में असफल
पहले प्रयास में साक्षात्कार देने के बाद उनका आत्मविश्वास चरमोत्कर्ष पर था और उन्हें विश्वास था कि उनका चयन हो जाएगा लेकिन परिणाम अपेक्षाकृत नहीं आया। प्रारंभिक परीक्षा 2015 के लिए उनके पास तैयारी का समय नहीं था और इस कारण ही उन्हें दूसरे प्रयास में पहले पड़ाव पर ही निराशा हाथ लगी. अपनी पिछली गलतियों से सबक लेते हुए नुपूर ने फिर से साल 2016 में बेहतर रणनीति एवं तैयारी के साथ अटेम्प्ट दिया और इंटरव्यू तक पहुँच गईं लेकिन साक्षात्कार में कम अंक होने के कारण फिर से उनका चयन नहीं हुआ।
असफलताओं के इस श्रृंखला से नुपूर हताश तो हुईं किन्तु हार न मानने की प्रवृत्ति के कारण एक बार फिर 2017 में अटेम्प्ट दिया लेकिन इस बार फिर प्रीलीम्स में ही निराशा हाथ लगी। इस असफलता से वह बहुत ही निराश हुई लेकिन उनके परिवार ने उन्हें प्रोत्साहित किया एवं मेहनत करने को प्रेरित किया। नूपुर ने परिवार के प्रोत्साहन को ही उनके इस यात्रा का ईंधन बनाया।
मेहनत कर पास की IB की परीक्षा
नूपुर ने अपने एक दोस्त के आग्रह पर आईबी (intelligence bureau) की परीक्षा भी दी और उसके तीनों चरणों को पास भी किया। बकौल नुपूर उन्होंने कभी यूपीएससी के अतिरिक्त और किसी विकल्प पर सोचा ही नहीं और उनका आईबी का फॉर्म भी उनके दोस्त ने ही भरा था। इतने असफलताओं के बावजूद भी इन्होंने आईएएस बनने के सपने को छोड़ा नहीं और एक बार फिर 2018 में अपना पांचवा अटेम्प्ट दिया। किंतु इस बार फिर उन्हें निराशा हाथ लगी।
इतनी कोशिशों के बाद भी असफलताओं से निराश होकर जहां एक व्यक्ति परिश्रम करना छोड़ देता वही नूपुर ने अपनी जुझारू प्रवृत्ति, मेहनत एवं लगन का प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर यूपीएससी 2019 की परीक्षा में अटेंप्ट दिया और इस बार 11वीं रैंक लाकर अपने प्रतिभा एवं मेहनत का झंडा गाड़ दिया। नूपुर की ये संघर्ष भरी यात्रा हमें निश्चय ही मेहनत करने एवं कभी किसी भी परिस्थिति में निराश ना होने की प्रेरणा देती है।
यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए सलाह
अपनी गलतियों से सीख लेते हुए नूपुर यूपीएससी की परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए सलाह देती हैं की परीक्षा के प्रारूप को समझने के लिए मॉक टेस्ट और पिछले साल के पेपर हल करें। इससे प्रीलीम्स की तैयारी होती है और साथ ही तय समय के अंदर पेपर पूरा करने की भी प्रैक्टिस होती है। वही, मेंस के लिए ज़्यादा से ज़्यादा लिखने का अभ्यास करें।
मॉक टेस्ट दें और हर टेस्ट को 3 घंटों के समय में ही पूरा करने की कोशिश करें। इसी के साथ-साथ निबंध (Essay) पेपर की भी अच्छे से तैयारी करें। नूपुर का कहना है की सफलता का कोई शार्ट कट नहीं है और असफलता UPSC की यात्रा का अहम हिस्सा है। इसीलिए बिना निराश हुए मेहनत करते रहें तो सफलता एक ना एक दिन ज़रूर आपके कदम चूमेगी।