Nimishi Tripathi upsc : पिता की कड़ी मेहनत देखकर बेटी ने शुरू की upsc परीक्षा की तैयारी, अधिकारी बनकर किया परिवार का नाम रोशन
Nimishi Tripathi UPSC : माता पिता के लिए उनके जीवन की सफलता उस समय होती है जब उनके बच्चे अपने जीवन में सफलता हासिल कर लें. आज हम आपको जिस सिविल सेवा में सफलता पाने वाली अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उनके पिता ने बेटी की खुशी के लिए संविदा पर फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी करते हुए पढ़ाया. वहीं, बेटी ने भी बुनियादी जरूरतों के बिना खूब मेहनत और लगन से पढ़ाई की. और अधिकारी बनकर पिता का सपना पूरा किया. यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने वाली इस बेटी का निमिषी त्रिपाठी है.
निमिषी ने अपने पिता के संघर्ष को साझा करते हुए बताया था कि पिता खरखोन जिले में पसीना बहाकर पेड़ों की कटाई और उनकी रखवाली करते थे. जिसे देखकर निमिषी के भीतर भी मेहनत करने की इच्छा जागृत हुई और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में बहुत कम ही उम्र में सफलता हासिल कर ली. आइए जानते हैं निमिषी के संघर्ष के बारे में
कौन हैं (Nimishi Tripathi upsc) निमिषी त्रिपाठी
निमिषी त्रिपाठी मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के सनावद की रहने वाली हैं. उनके पिता का नाम अवधेश त्रिपाठी है. पिता खरगोन जिले के वन विभाग में संविदा पर नौकरी करते थे. वहीं, उनकी मां घर की जिम्मेदारियां संभालती थी. निमिषी कि शुरुआती पढ़ाई खरगोन से ही हुई. निमिषी ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी अधिकारी बनें. पिता का सपना पूरा करने के लिए निमिषी ने भी बचपन से प्रण कर लिया था कि वो एक अधिकारी बनकर दिखाएंगी.
बचपन से मेहनत और लगन से पढ़ाई करने वाली निमिषी ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए. बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद वो ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई. दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से उन्होंने बीएससी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. साल 2017 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो यूपीएससी की परीक्षा में पूरी तरह जुट गईं.
पहले प्रयास में नहीं मिली सफलता
निमिषी ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनके पिता एक अस्थायी कर्मचारी के तौर पर जंगलों में खून पसीना एक करते हुए देखा है. पिता ने हमारे लिए कष्ट सहते हुए सीमित संसाधनों के बावजूद हमारी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी. कड़ी मेहनत और लगन की प्रेरणा उन्हें माता पिता से ही मिली. वो कहती हैं कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद वो रोजाना 10-12 घंटों की पढ़ाई करती थी. उन्होंने सिलेबस को अच्छी तरह से समझकर यूपीएससी की पढ़ाई की थी.
हालांकि साल 2019 ने यूपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिल सकी. इस परीक्षा में प्रीलिम्स की परीक्षा तो निमिषी ने पास कर ली लेकिन मेन्स की परीक्षा में सफलता नहीं मिल सकी. हालांकि सफलता ना मिलने पर निमिषी का हौसला नहीं टूटा और उन्होंने कड़ी मेहनत करना और शुरू कर दिया.
622वीं रैंक हासिल कर बनीं अधिकारी
कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत उन्होंने साल 2020 में सफलता हासिल कर ली. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 622वीं रैंक हासिल की. निमीषी का ये दूसरा प्रयास था जिसमें महज 22 साल की उम्र में उन्होंने सफलता हासिल कर ली. बेटी की सफलता से निमिषी के पिता काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि मेरी दोनों बेटियों ने मेरे जीवन के संघर्ष से प्रेरणा ली है.