IAS Nidhi Gupta : पिता की तरह सरकारी नौकरी के लिए शुरू की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, 5वें प्रयास में बन गई IAS अधिकारी
IAS Nidhi Gupta : संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा कड़ी मेहनत और समर्पण मांगती है। इस परीक्षा को क्रैक करना बिल्कुल भी आसान नहीं है। कुछ अभ्यर्थी असफलता मिलने पर हार मान जाते हैं, लेकिन कुछ पूरे मन से डटे रहते हैं। हार ना मानने वाले लोगों को ही आगे चलकर सफलता हासिल होती है। इसी से जुड़ी एक प्रेरणादायक स्टोरी हम आज आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं।
सफलता की कहानी में आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उनका नाम निधि गुप्ता है। निधि की कहानी ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो कई बार असफलता हासिल करने के बाद अपना हौसला नहीं खोते हैं. कड़ी मेहनत और लगन से हर मुश्किल का सामना करते हुए सफलता हासिल कर लेते हैं. आइए जानते हैं निधि गुप्ता के संघर्ष के सफर के बारे में
कौन हैं (IAS Nidhi Gupta) निधि गुप्ता
निधि गुप्ता दिल्ली के उत्तम नगर की रहने वाली है। उनके पिता का नाम मोहनलाल गुप्ता है, जो ग्रामीण विकास मंत्रालय में निदेशक है। जबकि मां का नाम प्रियवंदा है, और वो गृहिणी हैं। निधि का बड़ा भाई भी है जोकि गुड़गांव में केपीएमजी कंपनी में वित्तीय सलाहकार के पद पर कार्यरत हैं।
नौकरी से छुट्टी लेकर की UPSC की तैयारी, 5वें अटेम्प्ट में IAS बनकर दिखाया pic.twitter.com/BhCM39jRC2
— Independent News (@inewshindi) April 5, 2022
निधि ने अपनी शुरुआती शिक्षा ऑक्सफोर्ड स्कूल से ग्रहण की है। 12वीं के बाद उन्होंने नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एनएसआईटी) से 2009 में इंजीनयरिंग की डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन के बाद निधि ने एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब भी किया है। नौकरी के दौरान ही निधि के मन में सिविल सेवा में आने की प्रेरणा पैदा हुई और उन्होंने परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी।
असफलता के बाद भी हार नहीं मानी
निधि ने जब अपना पहला UPSC अटेम्प्ट दिया तो उन्हें नाकामी हाथ लगी।जिसके बाद दूसरे और तीसरे प्रयास में भी निधि सफल नहीं हुई। ऐसे में निधि के मन निराशा तो आई लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी। वो लगातार परीक्षा की तैयारी करती रहीं और नकारात्मकता को अपने ऊपर बिल्कुल भी हावी होने नहीं दिया।
2013 में जब निधि ने UPSC का अपना चौथा अटेंप्ट दिया तो उन्हें सफलता मिली और उन्हें भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के तौर पर काम करने का मौका मिला। लेकिन उनका सपना एक आईएएस अधिकारी बनना था। इसके बाद निधि ने UPSC की तैयारी में अपना 100 प्रतिशत देने के लिए नौकरी से छुट्टी लेकर अपनी पढ़ाई-लिखाई शुरू की। उन्होंने अपना पूरा ध्यान सेल्फ स्टडी पर लगाया हालांकि अपने वैकल्पिक विषय (फिजिक्स) के लिए उन्होंने कोचिंग का सहारा लिया।
पांचवें प्रयास में मिली सफलता
इस बार निधि की मेहनत रंग लाई और UPSC के अपने पांचवें अटेंप्ट में निधि ने अपने सपने को सच कर दिखाया। इस बार उन्होंने ना सिर्फ सफलता हासिल की बल्कि टॉप 3 कैंडिडेट्स की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया। 2014 में निधि ने ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की और IAS बनकर दिखाया।
निधि सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के लिए कहती हैं कि तनाव कभी भी न लें। UPSC की परीक्षा उम्मीदवारों से ये जानने का माध्यम है कि वो आखिर क्यों सिविल सेवाओं में शामिल होना चाहते हैं? इसके लिए बहुत जरूरी है कि उम्मीदवार के पास इसके बारे में स्पष्ट अवधारणा हो।