Kumar Anurag ias : पढ़ाई में नहीं लगता था मन, कई बार हुए फेल फिर upsc परीक्षा में 48वीं रैंक हासिल कर बने आईएएस अधिकारी
Kumar Anurag ias : यूपीएससी परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा के तौर पर देखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस परीक्षा को पास करने वाले अभ्यर्थी बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे होते हैं. लेकिन आज हम जिस आईएएस अधिकारी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उन्होंने इस बात को गलत साबित कर दिया है. इस आईएएस अधिकारी का नाम कुमार अनुराग है.
वो स्कूल और कॉलेज में जब पढ़ाई कर रहे थे तब ज्यादा अच्छे नहीं थे. यहां तक कॉलेज में वो कई बार फेल भी हुए. हालांकि बाद में उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का विचार किया और मेहनत कर यूपीएससी परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की. आइए जानते हैं कैसे अनुराग ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की.
कौन हैं (Kumar Anurag ias) आईएएस कुमार अनुराग
बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले कुमार अनुराग एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता का नाम डा. दिलीप कुमार और माता का नाम ममता रमण है. अनुराग की शुरुआती पढ़ाई गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से ही हुई. इसके बाद वो हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए शहर आ गए. हिंदी माध्यम से अंग्रेजी माध्यम में अचानक पढ़ाई करने में उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी. शुरुआत में उन्हें अंग्रेजी शिक्षा समझ ही नहीं आ रही थी. यही वजह थी कि वो 12वीं के प्री-बोर्ड में फेल हो गए. हालांकि उन्होंने कड़ी मेहनत की और 12वीं में 91 फीसद अंक हासिल किया.
बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद वो ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए. दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीकॉम की पढ़ाई शुरू कर दी. एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि कॉलेज के दिनों में उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था. वो सबसे पीछे बैठते थे और टॉपर्स के नोट्स को फोटोकॉपी कर पढ़ाई किया करते थे. पढ़ाई में ज्यादा अच्छा ना होने के कारण वो कई बार फेल हुए. जैसे तैसे उन्होंने बैक क्लियर कर अपनी डिग्री हासिल कर MA की भी पढ़ाई पूरी कर ली. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का विचार किया. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी मेहनत और लगन से शुरू कर दी.
पहली बार में पास की यूपीएससी परीक्षा
अनुराग ने एक साक्षात्कार में बताया कि कॉलेज में लगातार बैक लगने के बाद उन्होंने अपनी गलतियों में सुधार किया. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई शुरू कर दी. इस बार उन्होंने खुद नोट्स बनाएं और कई मॉक टेस्ट भी दिए.
उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा ये रहा कि उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. अनुराग ने पूरे देश में 677वीं रैंक हासिल की. आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखने वाले अनुराग की रैंक कम आई. रैंक कम आने की वजह से उन्होंने फिर से प्रयास करने का फैसला लिया.
48वीं रैंक हासिल कर यूपीएससी परीक्षा में किया टॉप
दूसरी बार उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा में प्रयास किया. पूरे समर्पण और आत्मविश्वास के साथ उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया. इस बार उन्होंने 48वीं रैंक हासिल की. इस रैंक के साथ उन्हें आईएएस बनने का मौका मिल गया.
अनुराग ने ना सिर्फ यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया बल्कि अपनी सफलता से ये बता दिया कि पूरे आत्मविश्वास, मेहनत और लगन से किसी काम को किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है. अनुराग उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो बेसिक शिक्षा में कम अंक आने पर आईएएस अधिकारी बनने का सपना ही छोड़ देते हैं.