Kartik rajora IAS : किराना की दुकान चलाने वाले के बेटा बना सिविल सेवा में अधिकारी, 33वीं रैंक हासिल कर बनें टॉपर
kartik rajora IAS : सच्चे मन से अगर कोई लक्ष्य निर्धारित किया जाए और उसके लिए कड़ी मेहनत की जाए तो निश्चित तौर पर कामयाबी मिलती है। हर साल लाखों अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा को अपना लक्ष्य बनाते हैं, लेकिन सफलता उन चंद लोगों को ही मिल पाती है जो मेहनत और लगन के साथ-साथ सकारात्मक भावना के साथ आगे बढ़ते है।
कार्तिक राजौरी भी उन चंद लोगों में ही आते हैं, जिन्होंने अपने परिश्रम से सपनों को साकार कर दिखाया। कार्तिक की कहानी ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो बिना किसी सपोर्ट के यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करना चाहते हैं. आइए जानते हैं कार्तिक ने कैसे यूपीएससी परीक्षा मे सफलता हासिल की
कौन हैं (kartik rajora IAS) कार्तिक राजौरा
कार्तिक राजौरा हरियाणा में सोनीपत के मुरथल के रहने वाले हैं। उनके पिता संजय किराना की दुकान चलाते हैं। परिवार में तीन भाई-बहनों में कार्तिक मझले हैं। कार्तिक ने 10वीं तक की शिक्षा सत्यम स्कूल से ली है, जबकि 12वीं की पढ़ाई हिंदू विद्यापीठ से की है।
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शुरुआती शिक्षा के बाद कार्तिक ने मुरथल के ही दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से B.Tech की डिग्री हासिल की है। कार्तिक के मुताबिक, ग्रेजुएशन के दौरान गुरु प्रो. आरएस भारद्वाज की प्रेरणा से उन्होंने सिविल सेवा के क्षेत्र को अपना लक्ष्य बनाया और IES बनने की ठान ली।
असफलता का सामना भी करना पड़ा
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए कार्तिक ने दिल्ली में आकर एक कोचिंग ज्वाइन की और परीक्षा को लेकर जी तोड़ मेहनत करते रहे। जिसके बाद कार्तिक ने UPSC का अपना पहला अटेम्प्ट दिया। हालांकि वो पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाए।
कार्तिक बताते हैं कि असफलता मिलने के बाद उन्होंने अपनी कमियों को पहचाना और उस पर काम करना शुरू किया। सकारात्मक रवैया अपनाते हुए कार्तिक आगे बढ़ते रहे। इस दौरान उनके परिवार का सहयोग हमेशा उनके साथ रहा।
कोरोना में घर पर रहकर की पढ़ाई, हासिल की सफलता
कार्तिक ने कोरोना कालखंड में घर पर रहकर ही परीक्षा की तैयारी की। सेल्फ स्टडी के दम पर उन्होंने अपने आपको दूसरे प्रयास के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया। जिसके बाद उन्होंने UPSC का अपना दूसरा अटेम्प्ट दिया और इस बार सफलता उनके हाथों में थी। कार्तिक ने बताया कि बीते साल 18 जुलाई को उनका प्री एग्जाम हुआ था, जिसमें सफल होने के बाद 21 नवंबर को मेन्स की परीक्षा हुई।
जिसे क्वालीफाई करने के बाद इंटरव्यू राउंड हुआ जो कि 28 फरवरी से 17 मार्च तक चला। आखिर में परिणाम 28 मार्च को घोषित किया गया। जिसमें उन्होंने परीक्षा पास करते हुए (Kartik rajora rank) ऑल इंडिया 33वीं की रैंक हासिल की। कार्तिक का मानना हैं कि अगर लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे पाने के लिए मेहनत की जाए तो हर मंजिल आसान हो जाती है।