karishma nair ias : UPSC के पहले प्रयास में इंटरव्यू राउंड से हुई बाहर, दूसरी बार में हासिल की 14वीं रैंक और बनीं IAS अधिकारी
karishma nair ias : सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करना हर परीक्षार्थी का सपना होता है, लेकिन ये सपना पूरा करना आसान नहीं है। कठिन परिश्रम, सही रणनीति और लगातार प्रयास ही इस परीक्षा में सफलता की कुंजी है। केरल के पलक्कड़ की रहने वाली करिश्मा नायर ने भी इसी कुंजी से अपने सपनों का ताला खोलकर दिखाया है।
करिश्मा ने साल 2020 में सिविल सेवा परीक्षा के अपने दूसरे प्रयास में अच्छी खासी रैंक हासिल की है. उनकी सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो यूपीएससी या सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं. आइए जानते हैं करिश्मा नायर ने देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता कैसे हासिल की.
पहले प्रयास में मिली यूपीएससी परीक्षा में असफलता
फॉरेंसिक साइंस में B.Sc. की डिग्री लेने वाली करिश्मा का ज्यादातर वक्त मुंबई में गुजरा है। उन्होंने करीब एक साल दिल्ली में रहकर परीक्षा की तैयारी भी की है। करिश्मा ने सिविल सेवा परीक्षा के अपने पहले ही प्रयास में मेन्स परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन वो इंटरव्यू राउंड क्लियर नहीं कर पाईं थीं।
एक बार की असफलता ने उन्हें और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया और इसका नतीजा ये हुआ कि उन्होंने दूसरे प्रयास में न केवल परीक्षा पास की, बल्कि उनका नाम टॉपर्स की लिस्ट में भी आ गया।
अखबार और मॉक टेस्ट से बनी बात
करिश्मा की मानें तो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान नियमित तौर पर वो अखबार पढ़ा करती थीं। वहीं, परीक्षा के दो महीने पहले से उन्होंने ज्यादातर वक्त मॉक टेस्ट पर ध्यान दिया।
हालांकि, करिश्मा यह भी कहती हैं कि जब तक अच्छी तरह से तैयारी न हो, तब तक मॉक टेस्ट न दें, क्योंकि कम अंक प्राप्त करने से आत्मविश्वास पर असर पड़ सकता है। करिश्मा कहती हैं कि जब तक आप हर दिन प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आप अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे।
मायने नहीं रखता आपका बैकग्राउंड
करिश्मा का मानना है, अगर सही रणनीति के साथ तैयारी की जाए तो इस परीक्षा में आसानी से सफलता हासिल की जा सकती है। छोटे-छोटे टारगेट रखकर पढ़ाई करने से तैयारी में मदद मिलती है। इससे इतर मंहगी कोचिंग, अच्छा बैकग्राउंड जैसी चीजें कतई मायने नहीं रखती हैं।