kajal jawla ias : पति ने संभाली रसोई तो हो सकी upsc परीक्षा की तैयारी, 28वींं रैंक हासिल कर बनीं IAS अधिकारी
kajal jawla ias : सिविल सेवा की तैयारी के लिए ऐसा कहा जाता है कि इस परीक्षा के लिए ज्यादा एकाग्रता और बहुत ज्यादा पढ़ाई की जरूरत पड़ती है. इसलिए अभ्यर्थी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी काम छोड़कर इस तैयारी के लिए अपना पूरा समय देते हैं. कई अभ्यर्थी तो अच्छी खासी नौकरी छोड़कर इस परीक्षा की तैयारी में पूरी तरह से लग जाता हैं. लेकिन आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहें हैं उन्होंने तैयारी के दौरान अपनी नौकरी भी नहीं छोड़ी और टाइम मैनेजमेंट कर यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. इस आईएएस अधिकारी का नाम काजल ज्वाला है.
काजल एक विवाहिता हैं इसके अलावा जब वो तैयारी कर रही थी तब वो नौकरी करने भी जाती थी. परिवार और नौकरी की जिम्मेदारियों की सही रणनीति बनाकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और अपने आईएएस अधिकारी के सपने को पूरा भी किया. आइए जानते हैं उन्होंने नौकरी करते हुए कैसे इस परीक्षा में सफलता हासिल की.
कौन हैं (kajal jawla ias) आईएएस काजल ज्वाला
हरियाणा के शामली की रहने वाली काजल ज्वाला एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई शामली से ही हुई. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मथुरा से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री हासिल की. इसी बीच काजल की शादी हो गई.
इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद काजल की विप्रो कंपनी में नौकरी लग गई. साल 2012 से काजल नोएडा की विप्रो कंपनी में नौकरी करने लगी. काजल बचपन से डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन वो सपना ना पूरा होने पर उन्होंने आईएएस बनने का सपना पूरा करने के लिए अपना ध्यान यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में झोक दिया.
नौकरी के साथ जारी रखी तैयारी
काजल ने जब यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया उस दौरान वो नोएडा की विप्रो कंपनी में नौकरी कर रही थी. उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया है कि पैसों की कमी की वजह से वो नौकरी नहीं छोड़ना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने इस परीक्षा के लिए सही टाइम मैनेजमेंट करने का प्लान किया. वो कहती हैं कि उनका घर नोएडा में था और उन्हें नौकरी करने के लिए गुड़गांव जाना पड़ता था. नोएडा से गुड़गांव के बीच करीब 50-60 किलोमीटर की दूरी रहती थी.
ऐसे में काजल का काफी समय ट्रैवलिंग में ही चला जाता था. ऐसे में काजल ने कैब से आते-जाते समय रास्ते में पढ़ाई करना उचित समझा. इस बीच उन्हें करीब 3 घंटे का समय मिल जाता था. हालांकि सफर में होने की वजह से वो करेंट अफेयर्स, न्यूजपेपर और मैगजीन आदि से अपना बेसिक क्लियर कर लेती थी. फिर घर जाकर करीब 2 घंटों तक पढ़ाई करती थीं. वहीं सप्ताह में छुट्टी मिलने पर वो पूरे दिन पढ़ाई करती थी.
पति करते थे घर की साफ-सफाई
काजल ने एक साक्षात्कार में बताया था कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान उनको ससुराल की तरफ से पूरा सपोर्ट मिला. जिससे ना सिर्फ उनकी तैयारी अच्छी तरह से हो पाई बल्कि उन्हें अपनी नौकरी भी छोड़नी नहीं पड़ी. वो कहती हैं कि मेरे पति आशीष मलिक ने मुझे बहुत सपोर्ट किया. जिस दौरान मैं तैयारी करती थी तब वो रसोई संभालते थे. खाना पकाने से लेकर झाडू पोछे का काम किया करते थे. वो कहते थे कि मैं अपना फोकस सिर्फ पढ़ाई पर लगाऊं . मेरे सपनों को पंख देने के लिए मेरे पति ने बहुत साथ दिया.
आसान नहीं था यूपीएससी परीक्षा का सफर
काजल अपनी सफलता के लिए तीन लोगों को आदर्श मानती हैं. वो अपने पिता, अपने पति और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से काफी मोटिवेशन लेती रहीं. यूपीएसससी परीक्षा में काजल को पहली बार में ही सफलता नहीं मिली. काजल बताती हैं कि शुरुआती दौर में उनकी तैयारी ज्यादा अच्छी नहीं थी. इसलिए उन्हें असफलता का सामना भी करना पड़ा. लगातार 3 प्रयासों में वो यूपीएससी परीक्षा पास नहीं कर पाई. लेकिन अपने चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई.
हालांकि चौथे प्रयास में अच्छी रैंक ना होने के कारण उन्हें आईएएस बनने का मौका नहीं मिला. लेकिन परिवार ने उनका हौसला बहुत बढ़ाया और फिर से प्रयास करने के लिए प्रेरित किया. पांचवें प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में साल 2018 में 28वीं रैंक हासिल कर टॉप किया और आईएएस अधिकारी बन गई. काजल की सफलता बताती है कि कड़ी मेहनत और लगन हो तो शादी के बाद भी सफलता मिल जाती हैं.