IPS Safin Hasan : मां ने दूसरों के घरों में काम कर बेटे को पढ़ाया, महज 22 साल की उम्र में 570वीं रैंक हासिल कर बना IPS अधिकारी

IPS Safin Hasan : मां ने दूसरों के घरों में काम कर बेटे को पढ़ाया, महज 22 साल की उम्र में 570वीं रैंक हासिल कर बना IPS अधिकारी

IPS Safin Hasan : कहते हैं वक्त हर इंसान की परीक्षा लेता रहता है. इस परीक्षा में जो पीछे नहीं हटता और अपने मकसद के लिए संघर्ष करता रहता है उसे सफलता जरूर मिलती है. आज हम जिस शख्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उनका नाम सफीन हसन है. उन्होंने बचपन से जवानी तक संघर्षों को झेला. कभी उन्हें एक वक्त का खाना ही नसीब होता था तो कभी उनकी आर्थिक स्थिति उनके जीवन में मुश्किलें पैदा करती थी. इन सारे हालातों को झेलते हुए वो लगातार अपने लक्ष्य की ओर प्रयासरत रहे.

उनकी मेहनत और लगन ने आज उन्हें देश के सबसे कम उम्र के आईपीएस युवाओं की सूची में शामिल कर दिया गया है. सफीन का मानना है कि जीवन में जितनी ज्यादा कठिनाईयां होंगी, उतनी ज्यादा हमें प्रेरणा मिलेगी और हम सफल हो सकेंगे. उनकी ये सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो गरीबी, मुश्किल हालातों के बीच अपने लक्ष्य से हार मानकर भटक जाते हैं.आइए जानते हैं कैसे सफीन हसन ने अपने जीवन में मुश्किल हालातों का सामना करते हुए देश की सबसे मुश्किल और प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी पास की और आईपीएस अधिकारी बन गए

कौन हैं (ips safin hasan) सफीन हसन

सफीन हसन गुजरात में सूरत के एक छोटे से गांव कानोदर के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम का नाम मुस्तफा भाई है और माता का नाम नसीब बेन है. पिता गांव में ही एक छोटी सी दुकान में इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे. वहीं, परिवार का खर्च चलाने के लिए सफीन की मां को दूसरों के घरों में काम करने जाना पड़ता था. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. सफीन के माता पिता जितना कमाते थे उससे घर का खर्च ही चलना मुश्किल था. तो बेटे की पढ़ाई कैसे हो पाती ! सफीन की शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई. वो बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे.

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परिवार की आर्थिक स्थिति और सफीन के टैलेट को देखते हुए उनके स्कूल ने 11वीं और 12वीं की फीस माफ कर दी. उन्होंने अच्छे अंकों से सेकेंडरी एजूकेशन की परीक्षा पास की. सफीन को परिवार की तरफ से भी पूरा सपोर्ट मिला. जब वो ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए गए तो उनके परिवार के लोगों ने उनकी आर्थिक मदद की. जब उन्होंने इंजीनियरिंग में दाखिला लिया तो उनकी फीस भरी गई. सफीन हसन बचपन से ही अधिकारी बनना चाहते थें.

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि जब वो छोटे थे तो अपनी मौसी के साथ मेला देखने गए हुए थे. उसी दौरान वहां पर डीएम (जिलाधिकारी) आ गए. जिलाधिकारी के ठाठ देखकर सफीन ने अपनी मौसी से पूछा की ये कौन है ?. मौसी ने सफीन को बताया कि ये जिले के राजा है. सफीन को मौैसी की ये बात दिल में उतर गई. उन्होंने बचपन में ही ठान लिया कि वो बड़े होकर ऐसा ही अधिकारी बनेंगे. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सफीन ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी.

संघर्षो के बीच हासिल की सफलता

सफीन बताते हैं कि एकबार उनके माता पिता की नौकरी चली गई थी. ना तो पिता की इलेक्ट्रीशियन की दुकान चल रही थी और ना ही मां को कही काम मिल पा रहा था. इस बीच सफीन के माता पिता ने अंडों का ठेला लगाकर जैसे तैसे परिवार की रोजी रोटी का इंतेजाम किया . एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि कभी कभी तो ऐसा होता था कि उन्हें भूखें पेट ही सोना पड़ता था. लेकिन इस बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी. वो जानते थे कि उनके परिवार की गरीबी पढ़ाई के दम पर ही खत्म हो सकती है.

यूपीएससी परीक्षा के पहले हुआ हादसा

सफीन जिस समय यूपीएससी मेन्स परीक्षा दे रहे थे उसी दौरान उनके साथ हादसा हो गया. वो बताते हैं कि उन्हें 9 बजे परीक्षा देने जाना था लेकिन आधे घंटे पहले उनका एक्सीडेंट हो गया. इस हादसे में उनके पैर, हाथ और सिर पर काफी चोटें आ गईं. वो कहते हैं इस हादसे में उनका दाहिना हाथ बच गया था. जिससे वो लिखते थे. उन्हें इस बात की तसल्ली थी कि वो आराम से परीक्षा में बैठ पाएंगें. दर्द की दवाएं लेकर उन्होंने परीक्षा केंद्र पहुंचकर परीक्षा दी.

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इसी तरह जब वो इंटरव्यू के लिए जा रहे थे तब उन्हें बहुत ज्यादा बुखार आ गया था. उन्हें परीक्षा से कुछ दिन पहले अस्पताल में एडमिट होना पड़ा. घर से दिल्ली आकर उन्होंने परीक्षा के 5 दिन पहले जैसे तैसे इंटरव्यू की तैयारी की और इंटरव्यू दिया. लेकिन उनकी मेहनत तब सफल हुई जब यूपीएससी के इस इंटरव्यू परीक्षा में दूसरे सबसे ज्यादा अंक हासिल हुए.

570वीं रैंक हासिल कर बने आईपीएस अधिकारी

सफीन हसन ने अपनी मेहनत और लगन की बदौलत यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की. साल 2017 में 570वीं रैंक (IPS Safin Hasan rank) हासिल कर आईपीएस अधिकारी बन गए. कमाल की बात ये है कि उन्हें ये सफलता पहले ही प्रयास में मिल गई. महज 22 साल की उम्र में गुजरात कैडर से उन्होंने अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी. गरीबी और संसाधनों की कमी के बीच सफीन को ये सफलता हासिल हो गई.

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सफीन हसन (ips safin hasan posting now) अभी गुजरात के जामनगर सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के तौर पर कार्यरत हैं. गुजरात की सीएम विजय रूपाणी ने उन्हें सम्मानित भी किया था. आम लोगों के लिए वो जितना एक्टिव रहते हैं उतना ही वो सोशल मीडिया में भी चर्चित रहते हैं. सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर उनके करीब 5.6 लाख फॉलोवर्स हैं. उनकी ये सफलता उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और मुश्किल हालातों के बीच सफलता हासिल कर ली.

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