IPS D. roopa moudgil : महिला IPS अधिकारी जिसने उमा भारती और शशिकला जैसे नेताओं से लिया पंगा, 20 साल में 40 बार हुआ ट्रांसफर
IPS D. roopa moudgil : यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना काफी लोगों का सपना होता है और ऐसे में कुछ लोग सफल होकर IAS अधिकारी बन जाते हैं। IAS अधिकारी बनने के बाद ज्यादातर लोगों पर भ्रष्टाचार या फिर सरकार के गुलाम बनने के आरोप लगते रहते हैं। वहीं, कुछ आईएएस ऑफिसर ऐसे भी होते हैं जो ना तो भ्रष्टाचार का समर्थन करते हैं और ना ही कभी सरकार के गुलाम बनते हैं। ऐसे आईएएस अधिकारी जनता की देखभाल में लगे रहते हैं।
हालांकि ऐसे अधिकारियों को उनकी नौकरी के दौरान ट्रांसफर आदि कर दिया जाता है। आज हम आपको एक ऐसी महिला आईपीएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जिन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ सिविल सर्विस में अपनी सेवा दी। उस महिला आईपीएस अधिकारी का नाम D roopa mudgil है। रूपा मुद्गल उन ईमानदार अधिकारियों में से एक है जिन्हें अपनी सेवा देने के दौरान विभागीय एक्शन का सामना करना पड़ता था। उन्हें 20 साल की नौकरी में करीब 40 बार ट्रांसफर और पोस्टिंग के ऑर्डर मिले। इस हिसाब से उन्हें औसतन हर 6 माह में ट्रांसफर या पोस्टिंग का आदेश दे दिया जाता था.
कौन हैं IPS (D. roopa mudgil) रूपा मुद्गल
कर्नाटक के दावनगेरे शहर में रूपा का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जे. एच. दिवाकर और माता का नाम हेमवती था। उनके पिता एक इंजीनियर थे। उन्होंने दावनगेरे से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की . प्राथमिक शिक्षा के बाद उन्होंने कर्नाटक की कुवेंपु विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई में अच्छा होने की वजह से उन्हें ग्रेजुएशन की पढ़ाई में गोल्ड मेडल दिया गया था. पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए वो बेंगलुरु चली गईं.
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रूपा मुद्गिल को पढ़ाई जितनी अच्छी लगती थी उतना ही उन्हें संगीत पसंद था. उन्होंने सांस्कृतिक संगीत के साथ साथ भारतनाट्यम भी सीखा. वो बचपन से ही upsc परीक्षा देकर देश की सेवा करना चाहती थीं. पढ़ाई मे अच्छा होने की वजह से साल 2000 में कर्नाटक कैडर में उनका सेलेक्शन हो गया. कमाल की बात ये थी कि उन्होंने UPSC की परीक्षा पहली बार में ही पास कर ली थी. इस परीक्षा में उन्होंने 43वीं रैंक हासिल कर साबित कर दिया था कि वो कितनी मेहनती और लगनशील हैं. रूपा कर्नाटक (Karnataka) कैडर की आईपीएस अधिकारी के रूप में चयनित की गईं थी.
मल्टी टैलेंटेड हैं (ias roopa moudgil) रूपा मुद्गिल
पुलिस में सेवा के अलावा वो अपने फ्री टाइम में भरतनाट्यम और संस्कृतिक संगीत की ट्रेनिंग भी लेती हैं. उन्होंने फिल्मों में भी काम किया है. कन्नड़ फिल्म बयालाताड़ा भीमअन्ना में उन्होंने प्लेबैक सिंगर के तौर पर कई गीत भी गाए हैं. रूपा म्यूजिक और डांस के अलावा शार्प शूटर भी हैं. शार्प शूटर के लिए उन्हें कई बार पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2003 में उन्होंने (roopa moudgil husband) आईएएस अधिकारी मुनीश मुद्गील (Munish Mudgal) से शादी कर ली थी
Roopa moudgil ने अपराधियों को कभी नहीं बख्शा
सिस्टम के खिलाफ काम करने वालों, गरीबों पर अत्याचार करने वालों और भ्रष्टाचार के दोषियों के खुलासे करने की वजह से वो हमेशा सुर्खियों में बनी रहती थीं. यही वजह थी कि उनके 20 साल के कार्यकाल के दौरान उनका 40 से भी ज्यादा बार तबादला हुआ. अपराध में शामिल नेताओं और अपराधियों की नजरों में वो खटकती ही रहती थीं. एकबार रूपा को बेंगलुरु में सेफ सिटी प्रॉजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई थी. इस दौरान उन्होंने (roopa moudgil) वहां के एक सीनियर आईपीएस अधिकारी हेमंत निंबालकर पर टेंडर की प्रक्रिया पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था. इस मामले के बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया.
इसके बाद उन्हें हैंडलूम एम्पोरियम के कामकाज की जिम्मेदारी सौंप दी गई. ऐसे ही उन्होंने साल 2017 में तमिलनाडू की AIADMK नेता शशिकला को लेकर एक बड़ा खुलासा किया था. दरअसल, उस दौरान शशिकला जेल में बंद थी और उन्हें वहां कि जेल में अन्य कैदियों से अलग विशेष सुविधाएं मिल रहीं थी.
रूपा (D roopa mudgil) ने आरोप लगाया था कि शशिकला ने सेंट्रल जेल महानिदेशक समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को 2 करोड़ रुपए की घूस दी थी ताकि उन्हें स्पेशल सुविधाएं मिल सकें. वहीं, कोर्ट के एक आदेश के बाद रूपा मुद्गिल उस समय चर्चा में आईं जब वो मध्यप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमाभारती को गिरफ्तार करने पहुंच गईं थी. उनके बेबाक अंदाज की वजह से वो अकसर मीडिया की सुर्खियों में बनी रहती थीं
‘ट्रांसफर नौकरी का ही हिस्सा है’
एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया था कि नौकरी के दौरान तबादले से वो बिलकुल डरती नहीं हीं. वो कहती हैं कि हर सरकारी नौकरी में ट्रांसफर एक हिस्सा होता है। उन्होंने जितने साल सिविल सेवा में नौकरी की है उससे दोगुनी बार उनका ट्रांसफर हुआ है. कभी कभी उनका ट्रांसफर किसी बड़ी जिम्मेदारी को संभालने के लिए किया गया.
तो कभी उनका बेबाक अंदाज और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी आवाज ने उनका ट्रांसफर करवा दिया. उनके तबादले को लेकर सोशल मीडिया से उन्हें काफी समर्थन मिलता था. उन्हें पुलिस सेवा में बेहतरीन काम के लिए 2 बार राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया.