ips anup singh : पिता जिस थाने में कांस्टेबल थे वहीं IPS अधिकारी बनकर आया बेटा, पिता ने गर्व से किया सैल्यूट
ips anup singh : पिता अपने बेटे से कितना प्रेम करता है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. वो रात दिन अपने बच्चों की परवरिश के लिए मेहनत करता है. ऐसे में जब बच्चे सफल हो जाते हैं तो सबसे ज्यादा खुशी पिता को ही होती है. वहीं, अगर बेटा पिता से ऊंचे पद पर स्थान हासिल करता है तो पिता के लिए इससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती है. आज हम आपको आईपीएस अधिकारी अनूप सिंह और उनके पुलिस कांस्टेबल पिता के बारे में बताएंगे.
अनूप की पहली पोस्टिंग उसी थाने में हुई जिसमें पिता कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. बेटे को उसी थाने में सल्यूट मारते हुए पिता को जो गर्व महसूस हो रहा था उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. मीडिया में ये पिता-पुत्र की ये जोड़ी काफी चर्चा में रही थी. पिता-पुत्र की ये जोड़ी जितनी फेमस है. उससे कहीं ज्यादा रोमांचक अनूप सिंह की यूपीएससी की यात्रा भी है. तो आइए जानते हैं आईपीएस अनूप सिंह के बारे में
कौन हैं (ips anup singh) अनूप सिंह
अनूप सिंह उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के पिपरा से ताल्लुक रखते हैं. इनके पिता का नाम जनार्दन सिंह है. पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में लखनऊ के विभूति खंड थाने में बतौर कॉन्स्टेबल तैनात हैं. अनूप के परिवार में माता पिता के अलावा एक भाई और एक बहन है। पुलिस विभाग में नौकरी के कारण अनूप के पिता की पोस्टिंग बाराबंकी के आसपास के जिलों के थानें में होती थी. पिता की पोस्टिंग के कारण अनूप की शुरुआती पढ़ाई बाराबंकी जिले से हुई. इन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई बाराबंकी से की।
इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की. अनूप बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे. ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद वो दिल्ली चले गए. दिल्ली के जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय) से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. इस दौरान ही इन्होंने JRF की परीक्षा में अप्लाई किया और पास कर लिया. जेआरएफ पास करने के बाद इन्हें सरकार द्वारा स्कॉलरशिप मिलने लगी.
अनूप परिवार की आर्थिक स्थिति को बहुत अच्छी तरह से समझते थे. कांस्टेबल पिता की आमदनी इतनी नहीं थी कि वो दिल्ली में बच्चे का खर्च उठा सकें. आर्थिक तंगी का सामना कर रहे परिवार से अनूप कम से कम पैसा मांगते थे. उन्हें जो स्कॉलरशिप से पैसा मिलता था उस पैसे में अपने खर्च को कम कर बचा पैसा घर भेज दिया करते थे. अनूप ने अपनी सारी पढ़ाई हिंदी माध्यम से की थी.
इसलिए यूपीएससी की शुरुआती पढ़ाई के समय उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. अनूप ने एक साक्षात्कार में बताया था कि जब वो पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान सिविल सर्विसेज की तैयारी थे तो उन्हें किसी ने सही रास्ता नहीं दिखाया. हालांकि अपने आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत के दम पर वो मेहनत करते रहे।
हिंदी मीडियम से पास की यूपीएससी की परीक्षा
अधिकतर विद्यार्थियों के मन में यह धारणा होती है कि हिंदी माध्यम से यूपीएससी परीक्षा पास नहीं की जा सकती है. अनूप को जब ये बात पता चली तो उन्होंने अपने हौसले को कम ना होने दिया.अनूप बताते कि हिंदी मीडियम से यूपीएससी की तैयारी करना थोड़ा सा मुश्किल जरूर है लेकिन असंभव नहीं है. वो कहते हैं कि हिंदी मीडियम से यूपीएससी की तैयारी करने में स्टडी मैटेरियल मिलना थोड़ा सा मुश्किल होता है.
इंटरनेट में भी काफी मैटेरियल अंग्रेजी में ही है. इसके अलावा अंग्रेजी स्ट्रीम के विद्यार्थी अधिक संख्या में होते हैं इसलिए कोई भी नया स्टडी मैटेरियल रिलीज होता है तो वह अंग्रेजी भाषा में ही आता है. लेकिन फिर भी अगर हिंदी मीडियम का विद्यार्थी मेहनत करें तो वह भी सफलता प्राप्त कर सकता है. अनूप कहते हैं कि अगर मेहतन और लगन से पढ़ाई की जाए तो यूपीएससी परीक्षा हिंदी मीडियम के छात्र भी पास कर सकते हैं.
एक ही थाने में पिता कॉन्स्टेबल और पुत्र एसपी
पहले तो आईपीएस अनूप सिंह की पोस्टिंग लखनऊ के पास के जिले उन्नाव में हुई थी लेकिन कुछ समय बाद इन्हें लखनऊ उत्तर क्षेत्र का कार्यभार सौंपा गया. इसके बाद अनूप की जो पोस्टिंग हुई वो उसी क्षेत्र के उसी थाने में हुई जिसमें इनके पिता भी बतौर कांस्टेबल तैनात थे. जब आईपीएस अनूप सिंह विभूति खंड थाने में अपने पद अधिग्रहण के लिए गए तो इनके पिता कॉन्स्टेबल जनार्दन सिंह ने इन्हें सेल्यूट किया.
उस समय आईपीएस अनूप ने अपने पद की गरिमा रखते हुए अपने पिता कॉन्स्टेबल जनार्दन सिंह के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और अपना पद ग्रहण किया. इस प्रकार आईपीएस अनूप सिंह ने अपने पिता-पुत्र के रिश्ते का सम्मान करते हुए अपने पद की गरिमा को भी रखा और समाज में एक मिसाल कायम की. इनके पिता जनार्दन सिंह ने बताया कि ये उनके लिए बहुत ही गर्व की बात थी कि उनका पुत्र उनके अधिकारी के रूप में उनके साथ काम कर रहा है. इस पल को वह जीवन भर नहीं भूल पाएंगे और भूलाना भी नहीं चाहते है.
119वीं रैंक पाकर बने आईपीएस अधिकारी
अनूप सिंह ने साल 2014 की यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 119 वां स्थान प्राप्त करते हुए यूपीएससी की परीक्षा को पास किया. उनकी इस सफलता के बाद परिवार में खुशी का माहौल था. अपनी मेहनत और लगन के बल उन्होंने हिंदी मीडियम से देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास किया. अनूप के पिता ने एक साक्षात्कार में बताया था कि बेटे के आईपीएस अधिकारी बनने पर उनके पूरे परिवार को गर्व है. वो कहते हैं ऐसा बेटा सभी को दें. फिलहाल अनूप सिंह उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में कार्यरत है वहीं अनूप सिंह सोशल मीडिया में भी छाए रहते हैं. उनकी पोस्ट को लाखों लोग पसंद करते हैं