IAS V. S. Chandralekha : वो महिला IAS अधिकारी जिसपर हुआ एसिड अटैक, राज्य सरकार की नीतियों का कर रही थी विरोध

IAS V. S. Chandralekha : वो महिला IAS अधिकारी जिसपर हुआ एसिड अटैक, राज्य सरकार की नीतियों का कर रही थी विरोध

IAS V. S. Chandralekha : एक आईएएस अधिकारी की नौकरी को देश में सेवाओं के मामले में सबसे उच्चतम नौकरी के तौर पर देखा जाता है. आईएएस अधिकारी कि जिंदगी देखने में जितनी इज्जत, सम्मान और सरकारी सुविधाओं से भरी होती है उतना ही उनका जीवन लोक सेवा के लिए व्यस्त और खतरे से भरा भी रहता है. लोक सेवाओं के लिए जीवन भर काम करने वाले आईएएस अधिकारियों को भी कभी कभी राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ता है.

आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान एसिड अटैक का सामना किया. इस आईएएस अधिकारी का नाम वी.एस. चंद्रलेखा है. चंद्रलेखा उन अधिकारियों और सिविल सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो दबाव या पैसों के लालच में आकर अपने मार्ग से डगमगा जाते हैं. उन्होंने तत्कालीन तमिलनाडू सरकार से सीधा सामना किया था. ऐसा कहा जाता है कि उस समय कि सरकार के समर्थकों ने उनके चेहरे पर तेजाब फेंकने की कोशिश की थी. आइए जानते हैं आईएएस चंद्रलेखा पर एसिड अटैक क्यों हुआ

कौन हैं (IAS V. S. Chandralekha) आईएएस वी.एस. चंद्रलेखा

वी.एस. चंद्रलेखा का जन्म साल 1947 में मद्रास में हुआ. फिलहाल मद्रास तमिलनाडु के नाम से जाना जाता है. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई तमिलनाडु से ही की और मद्रास प्रेसिडेंसी से मास्टर्स की डिग्री हासिल कर ली. मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने साल 1971 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी का पद ग्रहण कर लिया. सबसे पहले उन्होंने चेंगलपत्तू में सब कलेक्टर के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्होंने फूड कॉर्पोरेशन विभाग में अलग अलग पदों पर काम किया.

साल 1980 के बाद मदुरई में पहली बार चंद्रलेखा को जिला अधिकारी की जिम्मेदारी सौंप दी गई. साल 1985 में उन्हें तमिलनाडु सरकार में ग्रामीण विकास के डायरेक्टर के पद की जिम्मेदारी दी गई. साल 1991 से 1992 के बीच तमिलनाडु ओद्यौगिक विकास की ज़िम्मेदारी भी उन्होंने संभाली. इसके बाद साल 1992 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

IAS वी.एस. चंद्रलेखा पर क्यों हुआ एसिड अटैक

साल 1992 में जब वी. एस. चंद्रलेखा तमिलनाडु ओद्यौगिक विकास में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत थी तब उनपर एसिड से हमला किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि वो उस दौरान तमिलनाडु में जे. जयललिता की सरकार थी. चंद्रलेखा राज्य सरकार की कुछ नीतियों को लेकर विरोध कर रही थीं. उनका मानना था कि सरकार की नीतियां आम आदमी के खिलाफ है. जिस कारण उनके ऊपर चेन्नई के एग्मोर में एसिड अटैक से हमला कर दिया गया. खुद पर हुए एसिड हमले के बाद चंद्रलेखा ने आईएएस पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद उन्होंने जनता पार्टी ज्वाइन कर ली

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