IAS Pooja Jha : गरीब पिता का सपना था कि बेटी बनें अधिकारी, upsc परीक्षा में 82वीं रैंक हासिल कर किया सपना पूरा
IAS Pooja Jha : देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी की होती है। इस परीक्षा के सफर में उम्मीदवारों को काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में परिवार और करियर के बीच सिविल सर्विसेज की लाइन को चुनना वाकई एक बड़ा चैलेंज है। परिवार और करियर की जिम्मेदारियों के बीच इस परीक्षा में सफलता हासिल करना और अच्छी खासी रैंक पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जाा रहे हैं उनका नाम पूजा झा है.
पूजा ने बचपन में ही अपने माता पिता को सपोर्ट करने का विचार कर लिया था. यही वजह थी की उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की. इस परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने ना सिर्फ पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की. बल्कि अच्छी खासी रैंक के साथ अपने परिवार का नाम भी रोशन कर दिया. आइए जानते हैं पूजा ने कैसे देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की.
कौन हैं (IAS Pooja Jha) आईएएस पूजा झा
पूजा झा एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता चपरासी हैं. वहीं, मां घर की जिम्मेदारियां संभालती हैं. उनका परिवार एक बेटे की चाह रखता था, जो पूजा के बाद पूरी हुई। पूजा अपने परिवार में पांचवी बेटी हैं। पूरे परिवार में पूजा ही इकलौती ऐसी बेटी हैं जिन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. आर्थिक तंगी के कारण बाकी लड़कियों की पढ़ाई नहीं हो सकी. उनकी शुरुआती पढ़ाई MDS के स्कूल से पूरी हुई। बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद पूजा ने दिल्ली में स्थित मौलाना आज़ाद आयुर्विज्ञान संस्थान में डेंटिस्ट का एंट्रेंस परीक्षा क्लियर की और पूरी मेहनत से डॉक्टरी की पढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी.
पूजा की सभी बहनों की शादी कम उम्र में करा दी गयी। पूजा को इससे बचने के लिए पढ़ाई का सहारा लेना पड़ा। उसने अपने घर में असमानता को दूर करने का तरीका खोजा और हर क्लास में फर्स्ट आना शुरू कर दिया। वो जितनी बार फर्स्ट आती थीं, उतनी बार उनके घर में सेलिब्रेशन होता है। इस तरह पूजा ने हर क्लास में फर्स्ट आने की आदत डाल ली। बचपन से ही उनकी कड़ी मेहनत और लगन उनको सफलता दिलाती चली गई. जब वो मेडिकल फील्ड से डेंटिस्ट की पढ़ाई कर रही थी तभी उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का विचार किया और तैयारी शुरू कर दी.
टीचरों ने दिया साथ तो मिल सकी सफलता
पूजा एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं जहां सिविल सेवा के बारे में किसी को कुछ भी नहीं मालूम था. उनके माता-पिता को सिविल सेवा की परीक्षा के बारे में कुछ भी नहीं पता था और इसकी तैयारी कैसे की जाती है, ये भी उन्हें नहीं पता था। मेडिकल में अपनी पढाई को पूरा करने के बाद पूजा ने अपने माता पिता से जब यूपीएससी की परीक्षा देने की बात कही तो परिवार ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। पूजा की मदद उनके फैकल्टी ने की। पढ़ाई में अच्छा होने के कारण उन्होंने मेंस रिवीजन, टेस्ट सीरिज और मेंटरशिप स्कॉलरशिप हासिल की और पहली ही बार में सफलता हासिल की।
82वीं रैंक हासिल कर बनीं अधिकारी
पूजा ने अपने पहले ही प्रयास में 82वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की. अपने पहले प्रयास में ही सफलता से उनके परिवार में काफी खुशी का माहौल है. अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए पूजा बताती हैं कि अपने अंदर सेल्फ मेड की क्वालिटी लाना बेहद जरूरी है। उनकी मां कभी स्कूल नहीं गयीं और पिता भी सिर्फ 8वीं पास हैं।
लेकिन उन्होंने अपनी लाइफ में एक लक्ष्य निर्धारित किया। पहला अपने घर में लैंगिंग असमानता को खत्म करना और दूसरा अपने माँ-बाप के लिए लाठी बनाना। ये दोनों ही उन्होंने कर दिखाया। उन्होंने कहा कि अपनी लगन और मेहनत से आप किसी का भी रवैया बदल सकते हैं। और बड़ी से बड़ी चुनौती को पार कर सकते हैं।