IAS Gaurav Pandey : दादा का सपना पूरा करने के लिए भीषण बुखार में भी की UPSC परीक्षा की तैयारी, 168वीं रैंक बने अधिकारी
IAS Gaurav Pandey : कहते हैं कि, अगर किसी चीज को सच्चे दिल से चाह लो, तो उसे दिलाने के लिए पूरी कायनात जुट जाती है। अगर आपने भी किसी चीज को जीतने की ठान ली तो, परिस्थिति कैसी भी क्यों ना हो, आपको जीतने से कोई नहीं रोक सकता। ठीक उसी तरह यूपीएससी की परीक्षा पास करने का भी लाखों आंखें सपना देखती हैं। ये सपना भी उन्हीं आंखो का पूरा होता है, जिन्होंने जीत हासिल करने की ठान रखी हो। तेज बारिश में भीगते हुए और तेज बुखार में यूपीएससी परीक्षा को पास कर दिखाया गौरव पांडेय।
गौरव उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो यूपीएससी की परीक्षा देने का सपना तो देखते हैं और तैयारी भी करते हैं, लेकिन किसी ना किसी वजह से परीक्षा नहीं दे पाते। आंधी हो या बारिश, बुखार हो या कोई और वजह। इन सब से लड़ते हुए गौरव ने ये सफलता कैसे हासिल की।
कौन हैं (IAS Gaurav Pandey) गौरव पांडेय
उत्तर प्रदेश के भदोही जीके से छोटे से गांव कला तुलसी के रहने वाले गौरव के पिता का नाम अरुण कुमार पांडेय है। जो की सेना में सूबेदार पद से रिटायर्ड हो चुके हैं। गौरव की मां हाउस वाइफ हैं। गौरव के एक बड़े भाई भी हैं, जो सेंट्रल बैंक की ज्ञानपुर शाखा में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। मिडिल क्लास से ताल्लुक रखने वाले गौरव ने दिल्ली युनिवर्सिटी से अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद उनका सिलेक्शन इंटेलीजेंस ब्यूरो में अधिकारी के तौर पर हुआ, लेकिन उन्होंने उस नौकरी को ज्वाइन नहीं किया। एक साक्षात्कार में गौरव ने बताया था कि उनके दादा चाहते थे कि वो बड़ा अधिकारी बनें इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी
आसान नहीं था यूपीएससी का सफर
आईएएस का सपना किये हुए काफी गरीब बच्चे दिल्ली आते हैं, लेकिन कम चीजों के साथ बड़ी सफलता हासिल करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। लेकिन किसी भी परिस्थति में हार ना मानने वालों की कभी हार नहीं होती। साल 2021 गौरव के लिए एक यादगार पल बन गया। लॉकडाउन के बीच तेज बारिश और सुबह 7 बजे यूपीएससी का पेपर। गौरव अपनी आंखों के सामने इतनी आसानी से अपना सपना टूटते नहीं देखना चाहते थे। वो पूरी तरह से भीग गये। 102 से 103 डिग्री बुखार के बीच गौरव को 6 घंटे पेपर देना पड़ा। जिसके बाद उन्हें कोरोना भी झेलना पड़ा।
चौथे प्रयास में हासिल की 168वीं रैंक
गौरव को इससे पहले तीन बार असफलता का मुंह देखना पड़ा। लेकिन उन्होंने अपनी हर बार की असफलता से हमेशा कुछ ना कुछ सीखा और उसी को अपनी ताकत बनाई। क्योंकि लाइफ का सबसे बड़ा चैलेन्ज फेलियर को फेस करना होता है। इस कठिन दौर के बाद जब गौरव ने सफलता हासिल की तो, उन्होंने खुद खुशकिस्मत बताया। वो अपने दादा जी का सपना पूरा करने के लिए आगे और भी कोशिशे करते रहेंगे।
गौरव के जज्बे और अडिग विश्वास ने उन्हें यूपीएससी में आल इंडिया 168 रैंक दिलाई। यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद गौरव पाण्डेय बताते हैं कि परीक्षा चाहे IAS की हो या IPS की। ग्रामीण क्षेत्रों से सबसे ज्यादा बच्चे सफलता हासिल करते हैं। यूपीएससी का पेपर ऐसा तैयार किया जाता है, जिसमें हर वर्ग के बच्चों का ख्याल रखा जाता है। परीक्षा में सफलता तभी मिलती है जब आप मेहनत करेंगे। अगर बार बार असफलता मिल रही है तो उससे कुछ सीखें और आगे बढ़ते रहे। ताकि तरक्की शोर मचाते हुए आपके कदम चूम ले।