Mamata banerjee: ममता बनर्जी कैसे बनी कलकत्ता की हर घर की दीदी
ममता बनर्जी का जन्म 1955 में कलकत्ता के एक गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम प्रोमिलेस्वर और माता का नाम गायत्री देवी था। उनके पिता की मृत्यु इलाज की कमी से हो गई थी, उस वक्त ममता बनर्जी मात्र 17 वर्ष की थी। ममता बनर्जी को दीदी के नाम से भी जाना जाता है। वह पश्चिम बंगाल पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। 1970 में उन्होने 12वीं की पढ़ाई देशबंधु सिशु शिक्षालय से पूरी की थी और स्नातक की पढ़ाई जोगमाया डिग्री कॉलेज से की। ममता बनर्जी ने मास्टर्स तक की पढ़ाई की है।
पढ़ाई और डिग्रियां
ममता बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता के जोगमाया देवी कॉलेज से इतिहास में ऑनर्स की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इस्लामिक इतिहास में मास्टर डिग्री ले ली. इतना ही नहीं उन्होंने जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से कानून की पढाई भी की है वहीं, श्रीशिक्षायतन कॉलेज से उन्होंने बीएड की डिग्री ली.
राजनीतिक जीवन
ममता बनर्जी मात्र 15 वर्ष की थी जब वो राजनीति में आई थी. जोगमाया स्कूल में हीं उन्होंने छात्र परिषद यूनियन बनाया था जो कांग्रेस(आई) का एक भाग था। ममता बनर्जी 1976 से 1980 तक महिला कांग्रेस की महासचिव रहीं। 1984 में ममता ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठतम नेता सोमनाथ चटर्जी को जादवपुर लोकसभा सीट से हरा दिया। आपको बता दें कि ममता बनर्जी को देश का सबसे युवा सांसद बनने का गौरव प्राप्त है. उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। लेकिन 1989 में कांग्रेस विरोधी लहर के कारण जादवपुर लोकसभा सीट पर ममता को मालिनी भट्टाचार्य के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद 1991 का चुनाव उन्होंने कलकत्ता दक्षिण संसदीय सीट से लड़ा, वहां से उन्होंने जीत हासिल की. उन्होंने दक्षिणी कलकत्ता (कोलकाता) लोकसभा सीट से माकपा के बिप्लव दासगुप्ता को पराजित किया और वर्ष 1996, 1998, 1999, 2004 व 2009 में वह इसी सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं। इसके बाद में वो कांग्रेस में हीं आ गई थी फिर कुछ दिनों को बाद उन्होने अपनी पार्टी त्रिणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बनाई. 2011 से ममता बनर्जी लगातार पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के पद पर है।