Vande Bharat : दिल्ली से मुंबई के बीच चलाई जाएगी एक और वंदे भारत, यात्रियों को मिलेगी ये खास सुविधा
Vande Bharat : वंदे भारत ट्रेन का प्रोटोटाइप इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार हो रहा है। आईसीएफ ने 86 वंदे भारत ट्रेन बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। इनमें से 9 ट्रेनें स्लीपर वर्जन की तैयार होंगी। स्लीपर वर्जन का प्रोटोटाइप जल्दी तैयार किया जा रहा है।
वंदे भारत के पहले स्लीपर वर्जन की वंदे भारत एक्सप्रेस जल्दी शुरू होने की संभावना है। इसे लेकर रेलवे सभी तैयारियों में जुट गया है। आशा जताई जा रही है कि देश की पहली बंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को मुंबई – दिल्ली रूट पर चलाया जा सकता है।दूसरी तरफ दिल्ली–मुंबई के बीच मिशन रफ्तार का भी अंतिम चरण है।उम्मीद है कि यह काम भी इसी वित्तीय वर्ष में पूरा होगा।
इस रूट पर पहली वंदे भारत ट्रेन चलाने की एक और खास वजह है कि पहले मध्य प्रदेश और फिर बाद में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव होने हैं।जिसे देखते हुए रेलवे निर्णय ले सकता है।इसके अलावा एक और खास वजह यह भी है कि एमपी के अलावा इस ट्रेन के रूट का एक बड़ा हिस्सा गुजरात से होकर गुजरता है।
वंदे भारत ट्रेन का प्रोटोटाइप इंटीग्रिल कोच फैक्ट्री में तैयार हो रहा है।आईसीएएफ ने कुल 86 बंदे भारत ट्रेन बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था।इनमें से नौ ट्रेन स्लीपर वर्जन की होंगी।
इसलिए प्रवर्धन का प्रोटोटाइप जल्दी तैयार किया जा रहा है।रेलवे को अगले 4 वर्षों में कुल 400 बंदे भारत ट्रेन को देशभर के विभिन्न रूटों पर शुरू करनी है।इनमें वंदे भारत सेटिंग वर्जन, वंदे भारत स्लीपर वर्जन और वंदे भारत का मेट्रो वर्जन भी शामिल है।
आपको बता दें की भारतीय रेलवे दिल्ली से मुंबई के बीच यात्रा समय 16 घंटे से घटाकर 12 घंटे तक करने की कोशिश कर रहा है।रेलवे के इस परियोजना को 2017–18 में मंजूरी दी गई थी।इस काम का मेन मकसद है पूरे रूट को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तैयार करना।
इस रूट पर रेलवे कर रही है तेजी से काम
जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन के मुंबई सेंट्रल से नागदा के बीच से 694 किलोमीटर का काम जारी है।पश्चिम रेलवे के अधिकार क्षेत्र में मुंबई सेंट्रल से नागदा के अलावा करीब 100 किलोमीटर का काम वडोदरा से अहमदाबाद के बीच भी है।मेटल बैरियर फेसिंग मुंबई से अहमदाबाद तक 570 किलोमीटर में से 474 किलोमीटर का काम हो गया है।
साथ ही इसके अलावा नागदा से मथुरा तक पश्चिम मध्य रेलवे 545 किलोमीटर का काम कर रही है।इसके लिए 2664 करोड रुपए खर्च किया जा रहा हैं। मथुरा से पलवल 82 किलोमीटर का काम उत्तर मध्य रेलवे और पलवल से दिल्ली के बीच 57 किलोमीटर का काम उत्तर रेलवे कर रही है।