Dr Rajdeep Singh Khaira IAS : इंटरव्यू के पहले ही हुआ पिता का निधन, हौसला रखकर दी यूपीएससी परीक्षा और बनें आईएएस अधिकारी

Dr Rajdeep Singh Khaira IAS : इंटरव्यू के पहले ही हुआ पिता का निधन, हौसला रखकर दी यूपीएससी परीक्षा और बनें आईएएस अधिकारी

Dr Rajdeep Singh Khaira IAS : यूपीएससी परीक्षा में अच्छी रैंक लाकर अधिकारी बनने का लगभग हर युवा का सपना होता है. आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उनका नाम डॉ राजदीप सिंह खैरा (Dr Rajdeep Singh Khaira) हैं. यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर अधिकारी बनना जितना लुभावना लगता है उतनी मुश्किल इस परीक्षा की तैयारी होती है.

लाखों युवाओं के बीच टॉप 600-700 के बीच आना आसान नहीं होता है. हालांकि डॉ राजदीप सिंह खैरा के लिए यूपीएससी परीक्षा का सफर इससे भी ज्यादा मुश्किल था. एक तो उन्होंने डॉक्टर का अच्छा खासा करियर छोड़़कर तैयारी शुरू की थी दूसरा तैयारी के बीच में ही पिता के निधन ने उनके हालातों को और ज्यादा मुश्किल बना दिया था. आइए जानते हैं राजदीप सिंह खैरा ने देश की सबसे कठिन परीक्षा को तमाम मुश्किलों के बीच कैसे सफलता हासिल की.

कौन हैं (Dr Rajdeep Singh Khaira) आईएएस डॉ राजदीप सिंह खैरा

राजदीप सिंह खैरा का जन्म पंजाब के लुधियाना में हुआ. मध्यमवर्गीय परिवार ताल्लुक रखने वाले राजदीप बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई सेक्रेट हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, सराभा से पूरी हुई। उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा में 91 फीसद अंक हासिल किए थे. वहीं 12वीं की परीक्षा में 94वें फीसद अंक हासिल कर वो पूरे जिले के टॉपर रहे थे.

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बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और राजिंदरा हॉस्पिटल पटियाला से अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली. यहां भी वो गोल्ड मेडलिस्ट रहे. पढ़ाई पूरी करने के बाद वो एक सिविल अस्पताल में मेडिकल अधिकारी के तौर पर नौकरी करने लगे. कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. और यहीं से डॉक्टर राजदीप खैरा का यूपीएससी परीक्षा की तैयारी का सफर शुरू हो गया.

आसान नहीं था यूपीएससी परीक्षा का सफर

राजदीप के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना बिलकुल भी आसान नहीं था. एक तो वो मेडिकल अधिकारी की नौकरी के बीच यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ उन्हें इस परीक्षा के दौरान कई बार निराशा का सामना भी करना पड़ा. एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि 24 से 28 साल के बीच आपके जीवन में काफी चुनौतियां, डिस्ट्रैक्शन और प्रेशर आते हैं.

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इसके बीच आपको पूरी सिद्दत से तैयारी करते रहना होता है. वहीं नेवर गिवअप एटीट्यूड के साथ खुद को तैयारी के लिए झोंक देना चाहिए. वो बताते हैं कि उन्हें 3 बार यूपीएससी परीक्षा में असफलता मिली. लेकिन लगातार प्रयास से ही उन्होंने अपने सपनों को साकार किया है़.

495वीं रैंक हासिल करे बनें अधिकारी

कोविड 19 महामारी के प्रकोप के दौरान लाखों लोगों को खोने का गम लाखों लोगों ने झेला है. राजदीप भी उन लोगों में से एक हैं. मई 2021 की कोरोना की भारत में दूसरी लहर के बीच उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. पिता को खोने के महज 4 महीने बाद उनका सिविल सेवा के इंटरव्यू का बुलावा आ गया.

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अपने मुश्किल हालातों का डटकर सामना करते हुए राजदीप ने इंटरव्यू देने का फैसला किया. उनकी मेहनत और हिम्मत रंग लाई. साल 2021 में 495वीं रैंक के साथ उनका यूपीएससी परीक्षा में सिलेक्शन हो गया. अपनी तैयारी के अनुभवों को साझा करते हुए राजदीप बताते हैं कि लोगों को अपनी जीत से ज्यादा अपनी हार को कबूल करना चाहिए। कई बार निराशा हाथ लगेगी, डिस्ट्रैक्शन होगा, गलतियां करेंगे लेकिन अगर आप इन चुनौतियों को पार कर लेते हैं तो खुद को कामयाबी के काफी करीब पाएंगे। वहीं सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए.

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