चमौली में हिमस्खलन की वजह से बिजनौर में हाई-अलर्ट, प्रशासन ने कुछ गावों को कराया खाली
बिजनौर प्रशासन ने शहर के कुछ इलाकों पर हाई-अलर्ट जारी किया है. इसके तहत कुछ गावों को खाली कराने की कवायद शुरू कर दी गई है. प्रशासन ने उत्तराखंड में ग्लेशियर के फटने के मध्यनजर ये अलर्ट जारी किया है.
दरअसल जोशीमठ में हिमस्खलन के बाद पानी के बहाव को रास्ता देने के लिए बिजनौर बैराज के गेट को फ्री कर दिया गया है. सिचाईं विभाग ने पानी के बहाव की रफ्तार को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है. इस वजह से प्रशासन ने गंगा के किनारे बसे सभी गावों पर अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, राजस्व विभाग के लेखपालों को भी सतर्क रहने के आदेश दिए गए हैं.
पानी के बहाव के मध्यनजर पुलिस विभाग भी पूरी तरह तैयार हो गया है. खादर क्षेत्र से पुलिस ने किसानों को घर वापस जाने के लिए अपील भी की. एसएसआई नांगल प्रदीप कुमार ने गंगा के किनारें खेतों में मौजूद किसानों को ग्लेशियर फटने की जानकारी दी. उन्होंने किसानों को चेतावनी दी कि किसान जल्द से जल्द खादर क्षेत्र को छोड़कर अपने अपने घरों में वापस चलें जाएं. इसके बाद किसानों ने खादर इलाके को खाली करना शुरू कर दिया.
इसके साथ ही प्रभारी निरीक्षक नांगल द्वारा ग्लेशियर फटने से बाढ़ जैसे हालात बनने की संभावना को ध्यान में रखते हुए आसपास के इलाकों को खाली कराना शुरू कर दिया. इसके साथ ही लोगों को बताया कि पुलिसबल ऐसे हालात में लोगों के साथ खड़ी है. अगर किसी भी शख्स को किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो वो तुरंत पुलिस से संपर्क कर सकता है.
प्रदेश में गंगा किनारें बसे गावों पर भी अलर्ट
चमोली में हिमस्खलन के बाद यूपी सरकार भी हरकत में आ गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में गंगा नदी किनारे बसे सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को मुस्तैद रहने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को भी सतर्क रहने का आदेश दिया है. वहीं बाढ़ से निपटने के लिए भी एसडीआरएफ (SDRF) को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.
सूबे में गंगा किनारे बसे जिलों उन्नाव, कन्नौज, बिजनौर, फतेहगढ़, प्रयागराज, कानपुर, मिर्जापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर और वाराणसी में हाई अलर्ट जारी किया गया है. सीएम के आदेश के बाद गंगा किनारे बसे गांवों का अधिकारियों ने दौरा शुरू कर दिया है.
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ देर बाद गंगा नदी में कई लाख क्यूसेक पानी बढ़ सकता है. जिस वजह से गंगा नदी किनारे बसे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं. बता दें कि जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से बांध टूट गया है. अचानक बांध टूटने की वजह से धौली नदी में पानी तेज हो गया है. बताया जा रहा है इस हादसे में कई लोग बह गए हैं.