Yog Guru Swami Shivananda : 125 साल का वो शख्स जिसने मानव कल्याण के लिए समर्पित कर दिया पूरा जीवन, जानिए कौन हैं पद्मश्री योग गुरु स्वामी शिवानंद
कहते हैं मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे, और शोर तभी मचेगा जब परिश्रम का जोर होगा। अपनी मेहनत के दम पर आप दुनिया को झुका सकते है। इसके लिए बस आपका संकल्प पवित्र और इच्छाशक्ति मजबूत होनी चाहिए। ऐसे ही मजबूत इरादों और दृढ़ संकल्प से लबरेज एक शख्स की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं। इनका नाम है स्वामी शिवानंद। स्वामी जी का जीवन मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा है। बीते 5 दशकों से वो पुरी में रह रहे कुष्ठ प्रभावित लोगों की सेवा कर रहे हैं।
वाराणसी के स्वामी शिवानंद को इस साल पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों के लिए कुल 128 नामों का चयन किया गया था, जिसमें से एक स्वामी शिवानंद भी थे। स्वामी शिवानन्द को योग के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। योग गुरु स्वामी शिवानंद सम्मान लेने के लिए जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सम्मान समारोह के दौरान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है।
कौन हैं (Yog Guru Swami Shivananda) स्वामी शिवानंद
125 वर्षीय स्वामी शिवानंद का जन्म अविभाजित भारत के सिलहट जिले में 8 अगस्त 1896 को हुआ था, ये जगह अब बांग्लादेश में है। स्वामी शिवानंद का बचपन काफी संघर्ष और गरीबी के बीच गुजरा है। उन्होंने महज 6 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। जिसके बाद पश्चिम बंगाल के नवद्वीप में गुरु ओंकारानंद गोस्वामी के आश्रम में उनका लालन-पालन हुआ। वहां रहकर स्वामी शिवानंद ने स्कूली शिक्षा के बगैर योग समेत व्यावहारिक और आध्यात्मिक शिक्षा की प्राप्ति की।
सम्मान लेने के लिए जब स्वामी जी राष्ट्रपति भवन के महलनुमा दरबार हॉल में सामान्य कुर्ता-धोती में नंगे पांव पहुंचते हैं तो सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने जाते हैं और उन्हें साष्टांग प्रणाम करते हैं, जिसके बाद पीएम मोदी भी स्वामी शिवानंद को झुककर प्रणाम करते हैं। इसके बाद योग गुरु महामहिम राष्ट्रपति की तरफ बढ़ते हैं और उन्हें भी इसी तरह से प्रणाम करते हैं। इसके जवाब में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी ससम्मान स्वामी जी को प्रणाम करते हैं।
गरीब कुष्ठ रोगियों की करते हैं सेवा
स्वामी शिवानंद पिछले 50 सालों से सैकड़ों कुष्ठ प्रभावित भिखारियों की सेवा व्यक्तिगत रूप से कर चुके हैं। इसी तरह की समाज सेवा के लिए उन्हें 30 नवंबर 2019 को रेस्पेक्ट एज इंटरनेशनल द्वारा वसुंधरा रतन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा 21 जून 2019 को विश्व योग दिवस पर योग प्रदर्शन में देश के सबसे वरिष्ठ प्रतिभागी में से एक स्वामी शिवानंद भी थे। स्वामी शिवानंद को अभी तक योग रत्न पुरस्कार समेत तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।