IAS Shweta chauhan : बेटी ने परिवार का सपना पूरा करने के लिए की मेहनत से पढ़ाई और यूपीएससी परीक्षा पास कर बनीं अधिकारी
IAS Shweta chauhan : जब इंसान के सपने बड़े होते हैं तो उसे अपने सपने के आगे बड़ी से बड़ी चीजें भी छोटी लगने लगती हैं और वो अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरी ताकत, झोंक देता है। ऐसी ही एक शख्सियत की कामयाबी की कहानी हम लेकर आये हैं.
जिन्होंने दो बार सिविल सेवा में सेलेक्शन हो जाने के बाद भी अपने मन-मुताबिक पद न मिलने के कारण तीसरी बार फिरसे परीक्षा दी और अंततः अपना सपना जिसके आगे बड़े से बड़े पद भी उन्हें रास नहीं आ रहे थे, उसे पूरा किया। अपनी हठ को अपना हथियार बनाने वाली इस IAS अधिकारी का नाम श्वेता चौहान है। कुछ बड़ा करने और लोगों की सेवा करने की जिद ने उन्हें सफलता दिला दी. आइए जानत हैं श्वेता को कैसे देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल हुई
कौन है (IAS Shweta chauhan) श्वेता चौहान
श्वेता उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद की रहने वाली हैं. उनके पिताजी आर्मी ऑफिसर और माताजी हाउसवाइफ हैं। श्वेता ने गाजियाबाद से स्कूली शिक्षा ग्रहण की। आगे की पढ़ाई इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से फिज़िक्स ऑनर्स में की।
एक समृद्ध परिवार से आने वाली श्वेता को स्कूली दौर में सिविल सेवा में कोई खास रूचि नहीं थी, लेकिन कॉलेज के दिनों में वो इससे काफ़ी प्रभावित हुई और तैयारी शुरू कर दी।
सिलेक्टिव स्टडी स्ट्रेटेगी अपनाकर पढ़ाई की
श्वेता का फंडा तैयारी की शुरुआत से ही क्लीयर था कि उन्हें कम समय में और केवल ज़रूरी विषय पढ़कर ही परीक्षा पास करनी है। वो एक साक्षात्कार में बताती हैं कि ‘मैं ज्यादा नहीं पढ़ती थी और ना ही घंटों के हिसाब से स्टडी करती थी। यूपीएससी की तैयारी के लिए मेरा फंडा था सिलेक्टिव स्टडी स्ट्रैटिजी। बस आप स्मार्ट तरीके से और एंजॉय करके अपने सब्जेक्ट्स पढ़ेंगे, तो मुश्किल नहीं होगी।’ उनका ये तरीका भी था और अन्य अभ्यार्थियों के लिए एक सलाह भी थी।
श्वेता ने कहा की सिलेबस को बहुत अच्छे से पढ़ना सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है और अगर आप सिलेबस को ठीक से समझकर तैयारी करेंगे तो सफल जरूर होंगे और विषयों की पूरी जानकारी भविष्य के लिए भी बेहतर होंगी। श्वेता एक सलाह यह भी देती हैं कि प्री और मेंस की तैयारी एक साथ करना बेहतर है, उनको अलग अलग तैयार करने की बजाय साथ में करेंगे तो आसानी होगी बस प्री से एक महीना पहले सिर्फ प्री का सिलेबस पढ़े। श्वेता बताती हैं कि एक एवरेज स्टूडेंट भी अच्छे से पढ़े तो ये परीक्षा पास कर सकता है।
8वीं रैंक हासिल कर बनीं IAS अधिकारी
श्वेता बताती हैं कि ‘मुझे दो बार एग्जाम देकर अच्छा एक्सपीरियंस हो गया था। इस बार पेपर काफी अच्छे हुए थे और टॉप 50 में आने की उम्मीद थी। वैसे, सभी कैंडिडेट बराबर होते हैं। एक-एक नंबर का अंतर होता है। मगर जब मैंने 8वां रैंक हासिल किया तो यह मेरे लिए बड़ा सरप्राइजिंग था। यह भगवान के आर्शीवाद और मम्मी-पापा के साथ की बदौलत ही संभव हुआ।’ अपना सपना पूरा करने में उन्हें चार साल से भी अधिक समय लगा और इस कामयाबी के लिए वो अपनी मेहनत के साथ साथ परिवार और ईश्वर को भी बराबर का श्रेय देती हैं।