ias vishakha yadav : पिता से प्रेरणा लेकर बेटी ने की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, तीसरे प्रयास में बनीं IAS अधिकारी
ias vishakha yadav : रुकावटें आती है सफलता की राहों में ये कौन नहीं जानता, फिर भी वह मंज़िल पा ही लेता है जो हार नहीं मानता। आज हम जिस आईएएस अधिकारी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. उन्होंने इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है और लाखों उम्मदीवारों को अपनी कहानी से प्रेरित किया है।
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा को पास करना हर उम्मदीवार का सपना होता है, कई छात्र ऐसे होते है जो लगातार फेल होने के बाद या तो अपनी राह बदल लेते है या हिम्मत हार जाते है। लेकिन कई ऐसे भी होते है जो अपनी कमियों को सुधार कर अपना सपना पूरा करते है। असफलता से सफल आईएएस बनने वालें उम्मदीवारों में से एक नाम विशाखा यादव का भी है।खास बात यह कि विशाखा यादव ने IAS बनने के सपने के लिए अपनी मोटी तनख्वा वाली इंजीनियरिंग की नौकरी भी छोड़ दी। आईए जानते है कैसा रहा विशाखा का आईएएस बनने का सफर
कौन है (ias vishakha yadav) विशाखा यादव
दिल्ली के द्वारका की रहने वालीं विशाखा यादव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से ही पूरी की है. विशाखा बचपन से ही एक होनहार छात्र रही है। बारहवीं के बाद उन्होंने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद 2 साल एक कंपनी में जॉब की।
अपनी नौकरी से नाखुश होकर विशाखा ने यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी करने का मन बनाया। विशाखा बचपन से ही आईएएस बनना चाहती थी और उनका परिवार भी यहीं चाहता था। लेकिन कई कारणों से वो पहले तैयारी नहीं कर पाई। अपने सपने को पूरा करने के लिए विशाखा ने जमकर तैयारी शुरू कर दी लेकिन उनका यह सफर काफी कठिन था।
पिता और डॉक्टर अब्दुल कलाम से मिली प्रेरणा
विशाखा के पिता दिल्ली पुलिस में बतौर ASI पद पर कार्यरत हैं और हमेशा से उनकी पहली प्रेरणा उनके पिता ही रहे है।
पिता की मेहनत और कठिन परिश्रम ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया है। साथ ही भारत के पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइल मैन डॉ. अब्दुल कलाम भी उनकी प्रेरणा रहे हैं।
2 बार फेल होकर हासिल की 6वीं रैंक
विशाखा अपने पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई। अपने पहले प्रयास में वो 3 अंको से वहीं दूसरे प्रयास में 1.5 नबंरों से फेल हो गईं। लेकिन विशाखा ने हार नहीं मानी और अपनी गलतियों को सुधार कर तीसरी बार में ना केवल यूपीएससी क्लियर करने में कामयाब रहीं बल्कि इस बार 6वीं रैंक भी हासिल की.
एक इंटरव्यू के दौरान विशाखा ने बताया कि मेरे पिछले प्रयासों की सबसे बड़ी गलती यह थी कि मैंने कई सारे नोट्स इकट्ठा कर लिए थे और इसलिए मैं ठीक से रिवीजन नहीं कर पाई और दूसरी गलती थी कि मॉक टेस्ट बहुत कम दिए थे, यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए मॉक टेस्ट बहुत जरूरी हैं ताकि आपको यह अंदाजा लग जाए कि कितने प्रश्न करने पर आप कट-ऑफ निकाल पाते हैं। दूसरे कैंडिडेटस को सलाह देते हुए कहा हैं कि इस परीक्षा को निकालने के लिए बहुत जरूरी है निरंतरता. एक-दो दिन पढ़ने से कुछ नहीं होगा. इसके लिए आपको कई महीनों तक लागातर पढ़ना होगा।