Namrata Jain ias : 10वीं पास करने के बाद परिवार ने पढ़ाई छोड़ने को कहा, मां-बेटी की जिद से पढ़ाई जारी रखकर बनी आईएएस अधिकारी
Namrata Jain ias : यूपीएससी देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा है. हर साल लाखों की संख्या में छात्र इस परीक्षा में बैठते हैं. इस परीक्षा में कंपटीशन इतना ज्यादा होता है कि सिर्फ चुनिंदा लोग ही इसे पास कर पाते हैं. ऐसे में गरीब और मुश्किल हालातों से आने वाले छात्रों को इस परीक्षा में पास करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. लेकिन आज हम आपको जिस यूपीएससी कैंडिडेट के बारे में बताने जा रहे हैं वो छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़े जिले की रहने वाली हैं. दंतेवाड़ा जिले में आए दिन नक्सली हमले की खबरे सुनने को मिलती रहती है.
ऐसे जिले से गरीबी और दहशत का सामना कर वो पहले तो आईपीएस अधिकारी बनी फिर आईएएस अधिकारी बनकर परिवार का नाम रोशन किया. इतना ही नहीं जब वो यूपीएससी की परीक्षा दे रही थी तब उन्होंने अपनों को खोने का गम भी झेला. आइए जानते हैं हिम्मत ना हारकर नम्रता जैन ने कैसे यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.
कौन हैं (Namrata Jain ias) आईएएस नम्रता जैन
नम्रता जैन छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की रहने वाली हैं. उनके पिता का नाम झानवरलाल और माता का नाम किरन जैन है. पिता एक व्यवसायी हैं वहीं मां एक गृहणी हैं. नम्रता का परिवार आर्थिक रूप से ज्यादा संपन्न नहीं था. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दंतेवाड़ा जिले के निर्मल निकेतन स्कूल (Namrata Jain ias education) से की. बचपन से ही वो पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. वो एक साक्षात्कार में बताती हैं कि 10वीं पास करने के बाद उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए रोक दिया गया. दरअसल दंतेवाड़ा के जिस स्कूल में वो पढ़ाई कर रही थी वो सिर्फ 10वीं तक ही था. आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें बाहर जाकर पढ़ाई करनी थी.
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हालांकि इस बीच उनकी मां ने बहुत साथ दिया. उन्होंने परिवारवालों को नम्रता की पढ़ाई के लिए राजी कर लिया. नम्रता ने अपनी आगे की पढ़ाई भिलाई और दिल्ली में रहकर की. भिलाई में रहकर उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की. 12वीं पास करने के बाद उन्होने भिलाई में रहकर ही अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. नम्रता बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी. इसलिए उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होने के बाद यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया. यूपीएससी की तैयारी के लिए वो दिल्ली चली गई. यहां रहकर उन्होंने पूरी मेहनत और फोकस के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
नक्सली हमले ने आईएएस बनने के लिए किया प्रेरित
नम्रता पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. लेकिन जिस जिले से वो आती हैं वहां आए दिन नक्सली हमले हुआ करते हैं. इन नक्सली हमलों ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था. वो कहती हैं कि दंतेवाड़ा जिले की एक पुलिस चौकी में कुछ नक्सलियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में उन्होंने विस्फोटक लगाकर पुलिस चौकी को उड़ाने की कोशिश की. वो कहती हैं इस घटना ने पूरे इलाके में डर का माहौल बना दिया था.
नम्रता भी इस हमले के बाद से काफी दुखी हुई थी. लेकिन उन्होंने इस हमले से प्रभावित होकर वहां के हालात बदलने की कोशिश की. उन्होंने सोचा अगर वो आईएएस अधिकारी बन जाती हैं तो वो अपने इलाके में विकास करेंगी. वो शिक्षा, कुपोषण और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर काम करना चाहती हैं.
पहली बार में नहीं मिली सफलता
नम्रता जैन के परिवार में कोई भी ऐसा शख्स नहीं था जो सरकारी नौकरी में काम करता हो. इसलिए यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत में उन्हें इस परीक्षा के पैटर्न के बारे में नहीं पता था. दिल्ली आकर उन्होंने अपनी पढ़ाई तो शुरू कर दी थी. लेकिन उन्हें पहली बार में सफलता नहीं मिल पाई. साल 2015 में उन्हें पहले प्रयास में प्री परीक्षा में भी सफलता हासिल नहीं हो पाई. यूपीएससी के प्री टेस्ट में सफल ना होने पर उन्होंने निराश होने की बजाय आगे की रणनीति बनाकर पढ़ाई पर फोकस किया. अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर नम्रता ने साल 2016 में फिर से प्रयास किया.
इसबार उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा तो पास कर ली. लेकिन रैंक कम होने की वजह से उन्हें आईपीएस बनने का मौका मिला. नम्रता जैन का लक्ष्य तो आईएएस अधिकारी बनने का था. उन्होंने फिर से प्रयास किया. साल 2018 में उन्होंने एकबार फिर से कोशिश की. इसबार उन्हें यूपीएससी परीक्षा (Namrata Jain ias rank) में 12वीं रैंक हासिल हुई. इस रैंक को हासिल करने के बाद नम्रता जैन को आईएएस अधिकारी के पद रहकर सेवा देने का मौका मिला. महज 25 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनकर वो दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित इलाके की पहली महिला आईएएस अधिकारी बन गई हैं.
आत्मविश्वास से यूपीएससी परीक्षा में मिलेगी सफलता
नम्रता जैन बताती हैं कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए लगन और आत्मविश्वास बहुत जरूरी होता है. वो कहती हैं कि आपको ये भरोसा होना चाहिए कि आप इस परीक्षा में सफलता हासिल कर लेंगे. संयम, लगन और मेहनत आपको सफल बना देंगे. वहीं, परीक्षा की तैयारी के लिए प्री, मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी एकसाथ करें. इससे आपका समय बचेगा. लिखकर प्रैक्टिस करें ताकि जब मेन्स की परीक्षा हो तो जवाब ज्यादा बेहतर ढ़ंग से लिख सकें