IAS Abhijeet Sinha : upsc परीक्षा में असफलता मिली तो परिवार ने बढ़ाया हौसला, 19वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी
IAS Abhijeet Sinha : यूपीएससी परीक्षा के लिए मोटिवेशन बहुत जरूरी होती है. देश की सबसे कठिन परीक्षा होने की वजह से जब कभी अभ्यर्थी इसमें असफल हो जाते हैं तो उन्हें मोटिवेशन की बहुत जरूरत पड़ती है. आज हम आपको आईएएस अभिजीत सिन्हा के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने आईआईटी कानपुर से बीटेक की डिग्री हासिल की लेकिन यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पाए. हालांकि उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया और प्रयास जारी रखा.
इसका नतीजा ये हुआ कि उन्होंने इस परीक्षा में टॉप किया और आईएएस अधिकारी बन गए. अभीजीत बताते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के दौरान उनका जब भी मोटिवेशन कम हुआ तो उनके आसपास के लोगों ने उनका हौसला बढ़ाने में काफी मदद की. आइए जानते हैं कि अभिजीत ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता कैसे हासिल की.
कौन हैं (IAS Abhijeet Sinha) आईएएस अभिजीत सिन्हा
अभिजीत सिन्हा मूलरूप से झारखंड में रांची के रहने वाले हैं. एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले अभिजीत बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे. उनके पिता एक पशु चिकित्सक हैं. अभिजीत की शुरुआती पढ़ाई रांची से ही हुई. उन्होंने जेवीएम श्यामली से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. बचपन से ही पढ़ाई में अच्छा होने के कारण उन्होंने हाईस्कूल और इटरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए.
बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद वो कानपुर आ गए. अपनी ग्रेजुएशन की तैयारी के लिए वो कानपुर में रहने लगे. अभिजीत ने साल 2016 में आईआईटी कानपुर से बीटेक की पढ़ाई पूरी की है. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने तैयारी शुरू कर दी थी. एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया है कि जब वो आईआईटी कानपुर से पढ़ाई कर रहे थे तभी उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का विचार कर लिया था.
पहले प्रयास में असफलता से हुए निराश
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी को लेकर अभिजीत बताते हैं कि इसमें काफी धैर्य, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास की जरूरत पड़ती है. परीक्षा की तैयारी अवसत 1 साल की होती है लेकिन अगर आप असफल हो जाते हैं तो मोटिवेशन की जरूरत भी पड़ती है. एनसीआरटी की किताबें, न्यूजपेपर और परीक्षा की तैयारी कर सफलता हासिल करने वाले लोगों के ब्लॉग और वीडियो से काफी कुछ सीखने को मिलता है.
अभिजीत ने जब पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी थी तब उन्हें इस परीक्षा की गंभीरता का अंदाजा नहीं था. उन्होंने प्री और मेन्स की तैयारी तो अच्छी तरह से की लेकिन इंटरव्यू की तैयारी में चूक गए. परीक्षा में असफलता हासिल करने पर उन्हें काफी निराशा हुई. जिस वजह से वो थोड़ा डिमोटिवेट होने लगे. अभिजीत बताते हैं इस समय उनके परिवार ने उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें फिर से तैयारी करने के लिए प्रेरित किया.
19वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी
परिवार की बात मानकर उन्होंने फिर से तैयारी करना शुरू किया. पिछली कमियों को ध्यान में रखकर उन्होंने इस बार प्री, मेन्स के साथ साथ इंटरव्यू की तैयारी भी अच्छी तरह से की. साल 2017 के दूसरे प्रयास में उन्होंने ना सिर्फ यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की बल्कि 19वीं रैंक पाकर टॉपर भी बनें.
टॉपर बनने के कारण उन्हें झारखंड कैडर दिया गया है. उनकी सफलता से ना सिर्फ उन्होंने अपने परिवार का नाम रोशन किया है बल्कि पूरे रांची को उनपर गर्व है. अभिजीत की मां ने एक साक्षात्कार में बताया था कि वो बचपन से ही काफी मेहनती थे. उनकी मेहनत से आज पूरे परिवार को गर्व है.