Sulfath Moideen : गरीबी से जूझ रही महिला ने शुरू की घर की छत पर खेती, कमाती हैं 2.5 लाख रुपए
Sulfath Moideen : वो कहते हैं ना इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं। आज हम एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके द्वारा किये जा रहे कार्य को सुनकर आप दंग रह जाएंगे। आप सोचेंगे क्या ऐसा भी हो सकता है। उनके द्वारा शौकिया तौर पर शुरू किया गया कार्य आज पूरी तरह व्यावसायिक हो गया है। आपमें से बहुत लोगों ने देखा होगा। लोग शहरों में अपने घर के छतों पर काफी फूल-पौधे गमलों में लगाते हैं।
उस पर कई तरह के फूल और पेड़ लगाते हैं। ये काम लगभग सभी लोग अपनी शौक के तौर पर करते है। लेकिन क्या आपने यह कभी सुना है गांव में घर की छत पर सब्जी की खेती होती है। वो भी शौकिया न होकर पूरी तरह व्यावसायिक हैं। इन महिला का नाम है सुलफत मोइद्दीन है। आपको जानकर हैरानी होगी की घर की छत में सब्जी उगाकर अच्छा खासा पैसा कमा रही हैं..
कौन हैं सुलफत मोइद्दीन (Sulfath Moideen)
सुलफत मूल रूप से केरल के एर्नाकुलम जिले की रहने वाली हैं। सुलफत की उम्र लगभग 46 साल है। सुलफत पिछले 24 साल से अपने घर की छत पर खेती कर रही है। जिसे टेरेस फार्मिंग भी कहा जाता है। उन्होंने केवल 12वीं तक पढ़ाई की है। अपनी मेहनत और लगन के दम पर खुद को आत्मनिर्भर बना लिया है। सुलफत 2000 वर्ग फिट में खेती करती हैं। उनका पूरा ध्यान जैविक खेती पर रहता है। वो किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करती हैं। इसलिए इनकी सब्जियों की डिमांड दूर-दूर से आती है। सुफलत उन लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जिनके पास खेती करने के लिए खुद की जमीन नहीं है।
150 किस्म की उगाती है फल और सब्जियां
सुलफत बताती हैं कि वह दो हजार वर्ग फीट में करीब 150 किस्म की फल और सब्जियां उगाती है। सुलफट कहती हैं उनका सब्जियों को उगाने का उद्देश्य पूरी तरह से व्यावसायिक है। वो इसके जरिए अच्छा खासा पैसे कमाती हैं और अपनी आजीविका चलाती है।
वो बताती हैं कि उनके इस काम से उन्हें 2 फायदे मिलते हैं एक तो जैविक खेती कर लोगों को रसायन आदि से बचाया जा सकता है वहीं, लोगों को घर की छत पर खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। आज सुलफत के पास 1000 ग्रो-बैग गमले हैं। ग्रो-बैग गमलों में वो अलग-अलग किस्म के फल और सब्जियों की खेती करती हैं। अपनी छत पर सुफलत अदरक, प्याज, लहसुन, हल्दी, पुदीना, लहसुन एवं सौंफ आदि की खेती करती हैं। वो कई तरह के मसाले की भी खेती करती है।
सब्जी उगाने एक लिए खुद बनाती हैं जैविक खाद
वो छत पर सब्जियों को उगाने के लिए खुद ही जैविक खाद बनाती हैं। इसके लिए वो कोकोपीट, हरी खाद, गोबर, केंचुआ के खाद और सरसों की खली आदि का उपयोग करती है। पेड़-पौधों की सिंचाई के लिए ‘ड्रिप इरीगेशन सिस्टम’ और ‘विक सिस्टम’ का उपयोग करती हैं। ये सिंचाई की काफी उन्नत तकनीक है। छत पर खेती के अलावा सुलफत 1 एकड़ जमीन पर भी खेती करती हैं। जमीन पर वो मछली पालन और मुर्गी पालन करती हैं।
छत पर खेती कर कमाती है 2.5 लाख रुपए
सुलफत बताती है कि उनका छत पर खेती करते का मुख्य उद्देश्य अपनी आर्थिक आय को मजबूत करना है। वो कई जगह पर अपन स्टॉल लगा कर अपनी सब्जियों और फलों को बेचती है। इसके अलावा बहुत से लोग उनके घर से सब्जी लेकर जाते हैं। बहुत सारे लोग उनके छत की खेती देखने आते हैं। इस प्रकार वह महीने भर में करीब 20 हजार रुपये तक कमा लेती है। इस आधार पर सालाना करीब 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी सुलफल छत में खेती कर निकाल लेती हैं.
मिल चुकें हैं 40 से अधिक अवॉर्ड
सुफलतब मोइद्दीन ऐसी महिला किसान है। जिन्होंने खेती के लिए कुछ नया करने की ठानी और उसमें सफल भी रहीं। इन्होंने कम संसाधनों में अपनी मेहनत से अधिक लाभ कमाया है। उनकी इस अनोखी खोज या तौर तरीके का ही फल है कि उन्हें कुल 40 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं।
उन्हें 2020 में केरल के सबसे बड़े किसान अवार्ड ‘सर्वश्रेष्ठ टेरेस किसान’ कैटेगरी का अवॉर्ड भी हासिल किया है।