मॉनसून सत्र की तरह हंगामे से हुई शीतकालीन सत्र की शुरुआत, इन बिलों को पास कराने में जुटी है सरकार
नई दिल्ली : मॉनसून सत्र के बाद संसद का शीतकालीन सत्र भी हंगामेदार रहने के आसार हैं. शुरुआती दो दिनों की कार्रवाई में जिस तरह से विपक्ष तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरे हुए, उसे देखकर ऐसा कहना गलत नहीं होगा. कावेरी मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी. वहीं, लोकसभा में एक बार फिर कांग्रेस ने राफेल, नोटबंदी के मुद्दे पर प्रस्ताव पेश कर सरकार को घेरने की कोशिश की.
इन बिलों को पास कराना चाहेगी सरकार
मॉनसून सत्र में बेशक सरकार कई मुद्दों पर बेबस नजर आई हो, लेकिन अंतिम पूर्णकालिक सत्र होने के कारण इस बार सरकार कई अहम बिलों को पास कराने की कोशिश करेगी. इनमें तीन तलाक संबंधी विधेयक, भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक, संबंधी विधेयक, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक, राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग विधेयक, राष्ट्रीय विमान संशोधन विधेयक, जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक, सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन विधेयक, बांध सुरक्षा विधेयक, एनसीईआरटी विधेयक शामिल हैं.
विपक्ष से बहस के लिए तैयार हैं पीएम मोदी
बता दें कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही कह दिया था कि वह विपक्ष से किसी भी मुद्दे पर खुली बहस करने के लिए तैयार हैं. वहीं, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी विपक्ष से संसदीय कार्यवाही में रुकावट नहीं डालने की अपील की थी. हालांकि उनकी यह अपील जमीनी स्तर पर रंग लाती हुई नजर हीं आ रही है. दरअसल, बीजेपी की 2014 में आने के बाद यह पार्टी का आखिरी संसदीय सत्र है. पार्टी को पूरी उम्मीद है कि अगर वह इस सत्र में बिलों को पास करवा देती है तो 2019 लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर सकेगी.
वाजपेयी को दी गई श्रद्धांजलि
मंगलवार को सदन की शुरूआत में ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, सोमनाथ चटर्जी, अनंत कुमार को श्रद्धांजलि दी गई थी. नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्रवाई को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था.