असम NRC मुद्दा : अब 31 दिसम्बर तक पेश कर सकेंगे भारतीय होने का दावा
असम में अपने आशियाने और नागरिकता के लिए जद्दोजहद कर रहे लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) में दावे पेश करने की तारीख को बढ़ा दिया है. गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को दावेदारी पेश करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया. बता दें कि पहले ये तारीख 15 दिसंबर थी.
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फाइनल ड्राफ्ट में नहीं है लाखों नाम
मामले की सुनवाई के दौरान असम एनआरसी के कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कोर्ट में कहा कि जो फाइनल ड्राफ्ट बनाया गया है, उसमें 40 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि कोर्ट में जो ड्राफ्ट की लिस्ट सौंपी गई है, उनमें से अभी तक सिर्फ 14.8 लाख लोगों ने ही अभी तक दावे को आधिकारिक तौर पर पेश किया है.
30 जुलाई को आया था ड्राफ्ट
बता दें कि एनआरसी ने इसी साल 30 जुलाई को फाइनल ड्राफ्ट पेश किया था. लिस्ट के प्रकाशित होने के बाद इसमें करीब 40 लाख लोग बाहर कर दिए गए थे, हालांकि लिस्ट आने के बाद से ही दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया चल रही है.
आखिरकार क्या है एनआरसी
उल्लेखनीय है कि एनआरसी से पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं. असम के लिए खास तौर पर इस ड्राफ्ट को तैयार किया गया है. माना जा रहा है कि भारत के पड़ोंसी मुल्क के लोग कई सालों से अवैध तौर पर असम में रह रहे है. असम एनआरसी में उन सभी लोगों को भारत का नागरिक माना गया है, जिनके परिवार के लोग 25 मार्च 1971 से पहले असम में आए और वही रह रहे हैं. एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे.