वो जगह जहां नहीं चलती कोई करेंसी, यानी बिना पैसे मिलेगा सबकुछ

वो जगह जहां नहीं चलती कोई करेंसी, यानी बिना पैसे मिलेगा सबकुछ

अगर आप अपनी दादी या दादा या फिर किसी बुजुर्ग से पूंछेंगे कि पहले के समय में जब पैसे नहीं हुआ करते थे तब खरीददारी कैसे होती थी। आपको जवाब मिलेगा कि एक सामान के बदले दूसरा सामन। जी हाँ, पुराने ज़माने में जब पैसों का चलन नहीं हुआ करता था, तब लोग अपना कोई सामान देकर अपने जरूरत का सामान खरीदते थे, यही प्रक्रिया चलन में थी। इस प्रक्रिया को बार्टर सिस्टम या वस्तु विनिमय प्रणाली कहते हैं।

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अब ये सिस्टम पूरी दुनिया में कहीं भी नहीं चलता होगा, ऐसा आप सोंचते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अफ़्रीकी देश टोगो के एक छोटे से गांव में आज भी ये सिस्टम चलता है। इस छोटे से गांव में अगर आपको कुछ ख़रीदना होकारोबार करना हो तो यहां आज भी पैसे नहीं चलते बल्कि वस्तुओं में ही भुगतान करना होता है।

अब आप सोंच रहे होंगे कि इस देश की कोई करेंसी नहीं होगी, तभी ऐसा चल रहा है। नहीं बिलकुल नहीं।।।! टोगो देश की करेंसी का नाम मध्य अफ्रीकी फ्रेंक (CFA franc) है।

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दरअसल, टोगो देश के इस छोटे से गाँव के लोग नहीं चाहते कि इनकी पुरानी परंपरा को उनकी अगली पीढ़ी भुला दे। इसलिए इस गाँव में हर शनिवार को एक खास बाजार लगती है, जिसमें पैसे नहीं चलते। इस बाजार में लोग अपना कुछ सामान लाते हैं और उसके बदले अपनी जरूरत का सामान ले जाते हैं। इससे उन लोगों को बहुत फायदा होता है, जिसके पास सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं होते।

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उस गाँव का एक मछुआरा ने बताया कि वो सुबह कई सारे मछलियों को उस बाजार में लाता है और शाम को सब्जीआनाज लेकर वापस घर जाता है। इस गाँव कई ऐसे लोग है, जो ये काम करते हैं। इससे लोगों की जरूरत भी पूरी होती है और उनकी परंपरा भी जीवित रहती है।

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